Heart Attack Treatment: आजकल लोगों को हार्ट से जुड़ी बीमारियां बहुत ज्यादा हो रही हैं. हालांकि हार्ट अटैक या हार्ट से संबंधी अन्य बीमारी जैसे कार्डियक अरेस्ट में काफी अंतर होता है. हार्ट अटैक (Heart Attack) के मरीज को अगर समय पर इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है. इसमें मरीज को बचाने के लिए करीब 45 मिनट का समय होता है. अगर आपके आस-पास या आपको लगे कि हार्ट अटैक के लक्षण दिख रहे हैं तो आप भी काफी हद तक लोगों की जान बचा सकते हैं. इसके लिए आप कुछ दवाएं हमेशा अपने घर में या अपने पर्स में रखें. अगर आपको हार्ट अटैक के जैसे कोई भी लक्षण महसूस हों इस दवा को खा लें. इससे हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है. आइये जानते हैं कैसे? 


हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं?



  • हार्ट अटैक के मुख्य लक्षणों में सीने में दर्द होना 

  • सीने में काफी दबाव, हैवी और टाइटनेस महसूस होना

  • हार्ट में सिर्फ बाएं तरफ नहीं होता बल्कि बीच में या दाए तरफ भी दर्द हो सकता है.

  • ये दर्द पेट से ऊपर की ओर जाता है कई बार बाए हाथ या कंधे की ओर जाता है.

  • कई बार जबड़े या दांत में भी दर्द हो सकता है.

  • कोई काम करने या चलने में दर्द बढ़ता है. आराम करने पर कम होता है.

  • सांस की तकलीफ होती है और पसीना आता है.

  • कई बार ऐसा लगता है जैसे गैस हो रही है उसकी वजह से बेचैनी हो रही है. 


हार्ट अटैक आने पर क्या करें?


अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है तो सबसे पहले आप डॉक्टर या एंबुलेंस को बुलाएं. अपने पास पर्स में और घर पर हमेशा डिस्प्रिन (Disprin) इकोस्प्रिन (Ecosprin) या एस्प्रिन (Aspirin) की गोलियां रखें. जब भी आपको हार्ट में कोई ऐसा लक्षण लगे तो तुरंत ये दवा खा लें. ये तीनों दवाएं बल्ड क्लॉटिंग (Blood Clotting) को रोकती हैं. अगर घर में कोई हार्ट पेशेंट है तो sorbitrate की 5mg की टेबलेट घर में रखें. हार्ट अटैक जैसे कई भी लक्षण दिखें तो इसकी एक गोली तुरंत मरीज के जीभ के नीचे रख दें. इससे दर्द कम होगा.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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