कोरोना महामारी से दुनिया भर में लोग प्रभावित हुए. करोड़ों लोगों की इस वायरस जनित बीमारी की चपेट में आकर मौत हुई. हालांकि, अब इसका असर कम होने लगा है. वहीं, इस बीमारी के फैलने के बाद शरीर की रोग निरोधक क्षमता को लेकर लोगों ने कई उपाय करने शुरू किये. किसी भी रोग से लड़ने के लिये हमारे शरीर में पहला डॉक्टर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के रूप में काम करता है. कई बार संक्रमण होने के बाद भी आप कुछ ही दिन में भले चंगे हो जाते हैं.
इससे निष्कर्ष यही निनकलता है कि शरीर की Immunity Power बेहतर है. अब सवाल ये उठता है कि, शरीर की Immunization Power को बढ़ाया कैसे जाए. वैसे तो भारत में लोग जड़ी-बुटियों के जरिये बेहतर इलाज की पैरवी करते हैं. यही नहीं, ये काफी असरकारक भी है. कोरोना संक्रमण के फैलने के बाद लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद सतर्क हुये हैं. साथ ही वे अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिये सजग भी हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि कौन सी हर्ब्स या जड़ी-बुटियां हैं, जो मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर सिद्ध होती हैं.
अचूक गिलोय के चमत्कारिक फायदे
भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में जड़ी-बुटियों के चमत्कारिक गुण बताये गये हैं. साथ ही इनके प्रयोग से किसी तरह की अन्य दिक्कतें नहीं होती हैं. इनमे गिलोय बेहद असरकारक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है. जिसका इस्तेमाल कई वर्षों से अनेक बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है. गिलोय मुख्य रूप से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत ही प्रभावशाली है. कोरोना संक्रमण के दौरान गिलोय के रस की मांग काफी तेज रही. इम्युनिटी पॉवर बढ़ने से किसी भी व्यक्ति को बीमारी से बटने में रक्षा कवच मिल जाता है.
खांसी जुकाम में गुणकारी
अगर आपको बार-बार सर्दी-जुकाम, खांसी रहती है या ज्वर की शिकायत रहती है तो आपकी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है. इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ाने के लिए गिलोय से अचूक औषधि और कोई नहीं है.
पाचन सुधार में फायदेमंद
इसके अलावा कमजोर पाचन के सुधार में गिलोय बेहद फायदेमंद है. कब्ज से राहत पाने के लिए भी गिलोय का सेवन किया जा सकता है. अगर आपको कब्ज की समस्या रहती है तो आप गिलोस के रस का सेवन कर सकते हैं.
दालचीनी, काली मिर्च
डॉक्टरों के मुताबिक जिन लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है, वह कोरोना वायरस से बचे हैं. इसीलिए लोग अब अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह जुटे हैं. आमतौर पर खाने में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी एवं काली मिर्च का काढ़ा भी आपकी प्रतिरोधकर क्षमता को बढ़ाने में मददगार होता है. खाने में इसका खूब इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
रामबाण औषधि तुलसी
यूं तो धार्मिक विश्वास के चलते घर घर में तुलसी का पेड़ मिल जाएगा. लेकिन इसके औषषिय गुणों के बारे में अभी लोगों को व्यापक जानकारी नहीं है. तुलसी के फायदे सिर्फ सर्दी-जुकाम तक ही सीमित नहीं बल्कि इस औषधिय पौधे के और भी कई लाभ हैं. तुलसी कई रोगों को दूर करने और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में बड़ी कारगर है. यह पौधा शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ बैक्टीरिया और वायरल इंफेक्शन से लड़ता है.
तुलसी के एक गुण नहीं हैं, ये गंभीर बीमारियों में रामबाण है. तुलसी के पत्तियों की मदद से किडनी की पथरी गल जाती है. तुलसी के पत्तों को गरम पानी में डालकर उसका सारा अर्क निकाल लीजिए. इसके बाद उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर रोजाना पीने से घर पर ही किडनी की पथरी का इलाज हो जाएगा.
हर घर में मिलने वाली अदरक प्राकृतिक औषधि है. यह पाचन क्रिया में भी सहायक है. जी मिचलाने, उल्टी, मोशन सिकनेस आदि समस्याओं के समाधान में यह सहायक होती है.
आंवला शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बनाए रखता है. इसे आचार, चटनी के रूप में आप इस्तेमाल कर सकते हैं.
लहसुन इसके सेवन से विटामिन ए, बी, सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पा सकते हैं.
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