आज के समय में हर इंसान किसी न किसी बात को लेकर परेशान रहता ही है. लेकिन जब आप लगातार किसी चीज के बारे में सोचने लग जाते है तो आपको उसकी चीज को सोचने लत लग जाती है. जिससे आप किसी न किसी प्रकार से  डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. कुछ लोग चाहे बाहर से भले ही न दिखाएं कि वे परेशान हैं लेकिन अंदर ही अंदर वे खुद से लड़ते रहते हैं और बाहर वालों के सामने मुस्कुराते रहते हैं, तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताते हैं जिनसे आप पता लगा सकते हैं कि कोई व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है.


1. अपने मन की स्थिति को छुपाना
वे लोग जो अंदर से तनाव का शिकार होते हैं. किसी के भी साथ अपने मन की स्थिति को शेयर नहीं करते हैं और सबसे अपनी भावनाओं को छिपाने की कोशिश करते हैं. ऐसा वह दो तरीकों से करते हैं-


-ऐसे लोग अपनी सामाजिक स्थिति मतलब लोगों से मिलना-जुलना, लगातार उनके संपर्क में रहना या उनसे बात करना नहीं छोड़ते हैं. यह अपनी चिंताओं को अपने अंदर ही छिपा लेते हैंबाहर से भले ही यह लोग सकरात्मक लगे लेकिन अंदर से बिल्कुल डिप्रेशड होते हैं.


-ऐसे लोग घर पर रहने के लिए ऐसे बहाने बनाते हैं, जिनपर आपको जल्दी से विश्वास हो जाता है. इन बहानों से ये लोग सामाजिक दूरी बना लेते हैं, जिसकी वजह से इनके डिप्रेशन में होने का पता नहीं चल पाता है.


2. घर को व्यवस्थित नहीं रखना
अगर कोई इंसान घर की साफ सफाई नहीं करता है. उसके कपड़े, जूते आदि जैसे सामान इधर-उधर बिखरे पड़े रहते हैं तो ये इशारा है कि वे व्यक्ति किसी न किसी डिप्रेशन का शिकार है. इसके अलावा जो इंसान साफ-सफाई के नियमों का पालन नहीं करता हो और अपने घर की सफाई न करता हो, तो ऐसा व्यक्ति भी डिप्रेशन का शिकार हो सकता है.


3. साइकोमेटिक बीमारी होना  
अगर किसी इंसान को अपने सीने में दर्द शिकायत, हाथों में तनाव, और सांस लेने में दिक्कत जैसी हो रही हों तो वह किसी न किसी डिप्रेशन का शिकार है. वैसे तो ऐसे में स्वास्थ्य की जांच कराने पर ही पता चलता है कि उसे किस प्रकार की दिक्कत है. इस स्थिति में उसे किसी न किसी डिप्रेशन का शिकार पाया जाता है.


4. डेली टास्क को पूरा न कर पाने की असमर्थता
डिप्रेशन से परेशान इंसान रोजाना अपने काम को पूरा करने में समर्थ नहीं हो पाता है. ऐसा व्यक्ति हमेशा थका-थका सा महसूस करता है और जरूरी जानकारी भूल जाता है, जो उसके रोजाना के टास्क और उसके स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं. ऐसी स्थिति कहीं न कहीं लोगों में डिप्रेशन की ओर इशारा करती है. हालांकि कुछ मामलों में देखा गया है कि कुछ असक्रिय लोग काम करने के आदि हो जाते हैं और उन्हें पूरा दिन काम करने की लत लग जाती है.


5. कुछ चीज की जिद्द कर लेना
डिप्रेशन का शिकार लोग ज्यादातर एक ही बात को बोलते रहते हैं और किसी एक ही विषय पर बात करना पसंद करते हैं. वे बोलते ज्यादा हैं और सुनते कम हैं. वह अपनी किसी बात को मनवाने की जिद्द पकड़ लेते हैं, जो किसी न किसी डिप्रेशन का संकेत माना जाता है.


6. अपनी भावनाओं पर ध्यान नहीं देना
से लोग भावुक पीड़ा का अहसास नहीं करते हैं.  इसके अलावा न उन्हें बेइज्जती का अहसास होता है. वे सबकी बातों पर विश्वास कर लेते हैं और अपनी भावनाओं पर ध्यान नहीं देते हैं. ये सभी चीजें किसी इंसान के डिप्रेशन का शिकार होने की ओर इशारा करती है.


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