Potassium In Food: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन के साथ मिनरल्स भी जरूरी हैं. पोटैशियम भी एक जरूरी मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट है. पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नॉर्मल बनाए रखने और  सामान्य रखने में मदद करता है और पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुंचाने में मदद करता है. पोटैशियम मसल्स और नसों के काम में मदद करता है. शरीर को हेल्दी रखने के लिए रोजाना 4,700 मिलीग्राम पोटैशियम की जरूरत होती है. डाइट में पोटैशियम से भरपूर कुछ चीजों को शामिल करके आप इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं. ये हैं पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ.



1- केला- केला में काफी मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है. एक मीडियम साइज के केले में 422 एमजी या 9%  पोटैशियम पाया जाता है. आपको रोजाना कम से 1-2 केले जरूर खाने चाहिए. इससे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. 
2- आलू- आलू का इस्तेमाल ज्यादातर घरों में किया जाता है. एक बड़े आलू में करीब 515 मिलीग्राम पोटैशियम पाया जाता है. आलू पोटेशियम का सबसे अच्छा सोर्स है. हालांकि आलू की अलग-अलग किस्मों में पोटैशियम की मात्रा भी अलग होती है. 
3- अनार- अनार खाने से भी पोटैशियम की कमी को पूरा किया जा सकता है. रोज 1 अनार खाने से  666 मिलीग्राम पोटैशियम मिलता है. अनार में विटामिन C, विटामिन K और फोलेट भी पाया जाता है. अनार में प्रोटीन और आयरन भी काफी मात्रा में होता है. अनार फाइबर से भरपूर होता है जिससे काफी समय तक पेट भरा रहता है. 
4- शकरकंद- शकरकंद खाने में टेस्टी लगती है. शकरकंद पोटैशियम का अच्छा सोर्स है. 1 मीडियम साइज की शकरकंद में 541 मिलीग्राम पोटैशियम पाया जाता है. शकरकंद में फैट बहुत कम और प्रोटीन ज्यादा होता है. ये फाइबर और विटामिन ए का अच्छा सोर्स है. 

5- पालक- सब्जियों में सबसे ज्यादा पालक में पोटैशियम पाया जाता है. 1 कप पालक में 540 मिलीग्राम पोटैशियम पाया जाता है. पालक में 366% विटामिन A, 57%  विटामिन K, 57% फोलेट और 29% मैग्नीशियम पाया जाता है. पालक को डाइट में जरूर शामिल करें. इससे आयरन की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


यह भी पढ़ें: जामुन के साथ भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें, खतरनाक हो सकता है असर


यह भी पढ़ें: इसलिए नखरे करते हैं बच्चे,आपको समझनी होगी ये सायकॉलजी