महिलाओं में एचआईवी संक्रमण रोकने में वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी मिलने का दावा किया है. उनका कहना है कि रोजाना एक गोली के मुकाबले हर दो महीने पर एक डोज ज्यादा प्रभावी साबित हुआ. मेडिकल जगत के लोगों ने एड्स का कारण बननेवाले जानलेवा वायरस के खिलाफ लड़ाई में बड़ी उपलब्धि माना है. परीक्षण के नतीजे सामने आने के बाद अंतरिम विश्लेषण में शोध को रोकने की सलाह दी गई है.


HIV संक्रमण के खिलाफ बड़ी कामयाबी का दावा


नतीजों से अब तक पता चला है कि इंजेक्शन लगानेवाली Cabotegravir दवा का डोज Truvada गोली के मुकाबले एचआईवी संक्रमण को रोकने में 89 फीसद ज्यादा असरदार पाया गया. हालांकि, दोनों तरह की दवा संक्रमण के खतरे को कम करते हैं. दवा के असरदार होने की खबर एड्स नियंत्रण के उपायों के लिए एक वरदान है खासकर अफ्रीका के लिए. नतीजे सामने आने के बाद वैज्ञानिकों ने परीक्षण को जल्द रोकने की सिफारिश की है.


अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची ने इसे बड़ी प्रगति बताया. उन्होंने कहा, "मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि हम इस शोध के महत्व पर अत्यधिक बल दे सकते हैं." उन्होंने कहा कि दवा एचआईवी संक्रमण की रोकथाम में महिलाओं को मदद की उम्मीद जगाती है, विशेषकर उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. बॉस्टन में ब्रिघम एंड वीमेन अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर सेगल यावेज ने कहा, "महिलाओं के लिए ये परिवर्तनकारी है."


सात अफ्रीकी देशों में 32 सौ से ज्यादा वॉलेंटियर को परीक्षण का हिस्सा बनाया गया. उन्हें या तो हर दो महीने पर इंजेक्शन लगानेवाली दवा का डोज रैंडमली दिया गया या रोजाना Truvada की गोली दी गई. परीक्षण से पता चला कि जिन महिलाओं को दवा का डोज लगाया गया उनमें 0.21 फीसद की तादाद एड्स के वायरस से संक्रमित हुईं जबकि जिन महिलाओं को दवा की गोली दी गई उनकी वायरस से संक्रमित होने की संख्या 1.79 फीसद थी.


Cabotegravir दवा का डोज 89 फीसद प्रभावी


परीक्षण के दौरान Truvada का इस्तेमाल करनेवाली महिलाओं में 34 महिलाएं एचआईवी वायरस से संक्रमित पाई गईं. इसके मुकाबले इंजेक्शन का डोज लेनेवाली महिलाओं में सिर्फ चार महिलाओं को एचआईवी का संक्रमण हुआ. Cabotegravir निर्माता एचआईवी संक्रमण रोकने के उद्देश्य से बिक्री के लिए नियामक मंजूरी लेने जा रहे हैं जबकि Truvada का इस्तेमाल पहले से ही जारी है. Cabotegravir को ViiV Healthcare विकसित कर रही है. इसके ज्यादातर हिस्से GlaxoSmithKline और फाइजर के पास हैं.


शोध को अमेरिका की एनआईएच और मिलिंडा गेट्स फाउडेंशन ने प्रायोजित किया था. एड्स वैक्सीन एडवोकेसी कोलेशन संस्था के प्रमुख माइकल वॉरेन ने कहा, "अब तत्काल काम करने की जरूरत है. जिससे सभी सुरक्षात्मक दवाइयों को किफायती बनाया जा सके और ज्यादा बड़े पैमाने पर पहुंच सुनिश्चित हो सके. लोगों के पास एचआईवी से बचाव के विकल्पों का होना जरूरी है और ये नया विकल्प मिल रहा है."


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