पीरियड्स में होने लगता है भयंकर दर्द, टूटने लगता है शरीर तो पढ़ लीजिए ये खबर, ये उपाय दिलाएंगे आराम
Periods Pain: पीरियड्स में यूट्रस अपनी परत निकालने के लिए सुकुड़ता है, जिस वजह से पेट में सहने की सीमा से बहुत ज्यादा दर्द होता है. ऐसे में दर्द से राहत पाने के लिए आइए जानते हैं कुछ उपयोगी टिप्स...
Periods Pain: महिलाओं के शरीर के बायोलॉजी के अनुसार हर महीने उन्हें मेंस्ट्रुअल साइकिल से होकर गुजरना पड़ता है. कई बार ये आता है और कुछ रोज में ठीक होकर चला जाता है, मगर कई बार इसका होना इतना दर्दनाक होता है कि सहना मुश्किल हो जाता है, लड़कियों को उठना तक दूभर हो जाता है और शरीर टूटने लगता है.
ऐसे में आइए जानते हैं कि पीरियड्स में होने वाले दर्दनाक पेन या क्रैम्प में कैसे राहत पा सकते हैं-
पीरियड्स में होने वाला दर्द किस वजह से होता है -
1. प्राइमरी डिस्मेनोरिया:
पीरियड्स में आपका शरीर हार्मोन रिलीज करता है, जिससे यूट्रस में कन्ट्रैक्शन होता है, जिससे यूट्रस की परत को बाहर निकलने में मदद मिलती है. यही कन्ट्रैक्शन कई बार सामान्य पेट दर्द के अलावा पैर दर्द और पीठ दर्द के तौर पर महसूस होता है. मगर यह उम्र के साथ कम हो जाता है और आमतौर पर पीरियड की शुरुआत के एक या दो दिन तक ही रहता है.
2. सेकेंडरी डिस्मेनोरिया:
यह ज्यादा आम नहीं है, यानी कम ही लोगों में होता है जोकि अंडरलाइंग डिसऑर्डर या कभी-कभार इंफेक्शन की वजह से होता है. इसमें दर्द सिर्फ पीरियड्स के शुरुआत तक ही नहीं रहता है बल्कि पूरे साइकिल के दौरान होता रहता है. इसमें ज्यादा ब्लीडिंग होती है और पीरियड ज्यादा दिनों तक चलता रहता है.
पीरियड्स के दर्द कम करने के घरेलू उपचार
- आराम करें और अच्छी नींद लें. बाथटब में एसेंशियल ऑयल डालकर आराम से लेटने से दर्द में राहत मिल सकती है.
- दर्द पे गर्मी देने से राहत मिलती है. आप पेन रिलीफ पैड या गर्म पानी के बैग को दर्द पर रखकर आराम पा सकते हैं.
- अपने पेट और पीठ के निचले हिस्से की मालिश करने से भी दर्द को आराम मिल सकता है.
- हल्का एक्सरसाइज करने से पेल्विक के एरिया में खून का प्रभाव बढ़ता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है.
- मेडिटेशन करें और गहरी सांस लें.
- अगर आपको पीरियड में भी आराम करने का वक्त नहीं मिलता तभी दवा का इस्तेमाल करें.
पीरियड्स में क्या करें- क्या न करें
- कैफीन का सेवन कम करें
- शराब-सिगरेट से दूरी बनाएं
- हफ्ते में 5 दिन व्यायाम करने से पीरियड्स में आराम मिलता है और वजन भी नहीं बढ़ता है जिससे कि अनियमित मेंस्ट्रुअल साइकिल की संभावना कम होती है.
- खाने-पीने में ऐसी चीजों को शामिल करें जो फाइबर और प्रोटीन से भरपूर हो. पीरियड्स के दौरान हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और सलाद शामिल करें.
- ऐसे डिंक्स बिल्कुल ना लें जिनमें चीनी का मात्रा ज्यादा हो, डिब्बाबंद फल के जूस के बजाय ताजा फलों के जूस का सेवन करें
- अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से परामर्श करें और विटामिन सप्लीमेंट लेना शुरू करें.
कब लेनी चाहिए मेडिकल हेल्प
- जब कोई घरेलू उपचार कारगर न हो
- दर्द की दवा से भी जब आराम न हो
- अगर दो-तीन महीनों से लगातार आपके पीरियड्स में खून ज्यादा आता हो और क्रैम्प भी कम न होता हो
- जब आप पीरियड्स में नहीं होते लेकिन तब भी क्रैम्प का अनुभव होता है.
- जब आपके शरीर के अन्य हिस्से जैसे कि कमर, जांघ, घुटनों और कमर के निचले हिस्से में दर्द रहता हो.
- आपको क्रैम्प के साथ बुखार भी रहता हो.
एक्सट्रा टिप्स:
पीरियड्स के दौरान आपको हल्की बेचैनी रहना पूरी तरह से सामान्य है, इसमें कोई चिंता की बात नहीं, लेकिन ऐसी स्थिति रोज होने लगे तो आप गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाएँ.
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