Water leakage on walls: दीवारों के अंदर पानी के कई पाइप होते हैं. बहुत से कारणों की वजह से यही पाइप कई बार लीक हो जाते हैं, जिस कारण दीवारों में सीलन आने लगती है. पाइप में दरार या छेद हो जाने पर पाइप लीक होने लगते हैं. इसके बाद पाइप में से थोड़ा थोड़ा पानी दीवारों के अंदर जमा होने लगता है. दीवारों में पानी जमा होने से दीवारों पर जगह जगह धब्बे आने लगते हैं. साथ में दीवारों पर फफूंदी भी आने लगती है. घरों की दीवार में अगर सीलन आ जाए तो घर में अजीब सी बदबू भी आने लगती है. सीलन से दीवार काफी बेकार लगने लगती है. 


इस बात का पता लगाना कि दीवार में सीलन कहां के पाइप लीक होने से आ रही है बहुत ही मुश्किल होता है. ऐसी स्थिति में हर जगह की दीवार को तोड़कर तो इस बात का पता नहीं लगाया जा सकता है. ऐसे में घर में आ रही सीलन का पता करने के लिए अपनाएं ये ट्रिक...


नील से पता करें सीलन


कपड़ों में लगाए जाने वाले नील की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि सीलन कहां से आ रही हैं. इसके लिए आपको पानी की मेन टंकी में नील को मिला देना है, जिसके बाद घर के सभी नलों को खोल दें. जहां का भी पाइप लीक हो रहा होगा, उस जगह की दीवार नीली हो जाएगी. इस तरीके से आप बड़ी ही आसानी से लीकेज का पता लगा सकते हैं.


मॉइश्चर मीटर का इस्तेमाल करें


मॉइश्चर मीटर का इस्तेमाल करके भी बड़ी ही आसानी से दीवार में हो रही लीकेज का पता लगाया जा सकता है. मॉइश्चर मीटर को इस्तेमाल  करने के लिए आपको एक्सपर्ट की मदद लेनी पड़ेगी. मॉइश्चर मीटर को उन दीवारों पर लगाया जाता है, जहां से लीकेज की ज्यादा संभावना होती है. मॉइश्चर मीटर की रीडिंग के हिसाब से दीवार की सीलन को खत्म करने का समाधान निकाला जाता है


थर्मल इमेजिंग से करें सीलन का पता


थर्मल इमेजिंग का इस्तेमाल ज्यादातर कमर्शियल जगह या बड़े बड़े बंगलों में सीलन आने पर किया जाता है. कमर्शियल जगह या बड़े बड़े बंगलों में साधारण तरीकों से सीलन का पता नहीं लगाया जा सकता है. ऐसे में इन जगहों पर थर्मल इमेज ली जाती है, जिसके बाद सीलन का पता लगाया जाता है.


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