आप फिल्म देख रहे हों और कोई खतरनाक सीन आ जाए, तब क्या आपके रोंगटे खड़े होते हैं ? कोई उपन्यास पढ़ रहे हों जिसमें एक खतरनाक किरदार से आपका सामना होता है या कुछ इस तरह से प्लॉटिंग की गई होती है जिसमें सस्पेंस ही सस्पेंस होता, तब आप के अंदर सिहरन पैदा होती है?

विज्ञान ने इसका कारण तलाश लिया है. अगर ऐसे हालात से आपका सामना होता है तो समझिए आप स्वस्थ हैं. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से शोध कर खुलासा किया है कि रोंगटे खड़े होने का अनुभव किसी शख्स की सेहत और शख्सियत के साथ जुड़ा होता है. विशेषज्ञों ने पाया कि जिन लोगों को इसका अनुभव होता है उनका अन्य लोगों से संबंध मजबूत होता है. शैक्षणिक मैदान में ऐसे लोग कामयाबी हासिल करते हैं और दूसरे लोगों के मुकाबले उनकी सेहत भी ज्यादा अच्छी होती है.

शोध के दौरान 100 लोगों पर कई तरह के प्रयोग किये गये. शोधकर्ताओं ने उनको मॉनिटरिंग डिवाइस पहनाकर उनके शरीर पर होनेवाली प्रतिक्रिया का मुआयना किया. साथ ही कई तरह के उन पर टेस्ट कर  जानने की कोशिश की कि गई कैसी मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. नतीजे से मालूम हुआ कि 55 फीसद महिला और 45 फीसद पुरुषों को इसका अनुभव हुआ.

शोध के दौरान पता चला कि ऐसे लोगों का संबंध अपने रिश्तेदारों से मजबूत है और सेहत भी अच्छी है. शोधकर्ताओं का कहना है कि रोंगटे खड़े होने का अनुभव ऐसे लोगों को होता है जिनका मिजाज सकारात्मक और शारीरिक बनावट अच्छी होती है. उन्होंने आगे ये भी बताया कि शोध के दौरान उन्हें मालूम हुआ कि व्यक्तिगत आदतें अहम किरदार अदा करती हैं.