Relationship Tips in Hindi: रिश्ता बनाना तो बहुत आसान काम है लेकिन उन्हें निभाना उतना आसान नहीं है. रिश्ते में तकरार होना आम बात है लेकिन इसे बढ़ने ना देना कपल्स (Couples) पर डिपेंड (Depend) करता है. रिश्ते की मजबूती इसी बात में है बड़ी चोट लगने पर उसे जल्द ही प्यार का मरहम लगा दिया जाए. छोटी-मोटी झगड़े या गलतफहमियां तो दूर की जा सकती है लेकिन बात जब हद से ज्यादा बढ़ जाए तो उस रिलेशनशिप (Relationship) में रहना मुश्किल होने लगता है. इस मोड़ पर लोग अपने रास्ते तो अलग करना चाहते हैं पर इस बात को लेकर कंफ्यूज (Confuse) रहते हैं कि कहीं वो कोई गलत कदम तो नहीं उठा रहे या फिर रिलेशनशिप खत्म करने में बहुत जल्दबाजी तो नहीं दिखा रहे. कुछ बातों पर ध्यान देने से आपको फैसले लेने में आसानी होगी. ये संकेत बताते हैं कि आपके रिश्ते में अब प्यार नहीं बचा है.
सिर्फ रूठने-मनाने का सिलसिला चल रहा हो- कभी-कभी पार्टनर (Partner) का रूठ जाना और फिर उसे प्यार से मनाना, रिश्ते की खूबसूरती होती है. लेकिन हर बात पर रूठना जब किसी की आदत बन जाए तो सामने वाले को बहुत उलझन होती है. अगर आपका पार्टनर अक्सर बिना किसी खास वजह के रूठ जाता है और गलती ना होते हुए भी आप सॉरी (Sorry) बोलते रहते हैं और उन्हे बार-बार मनाते हैं तो आपको अपने रिश्ते के बारे में सोचने की जरूरत है. ये रूठने-मनाने का सिलसिला हमेशा के लिए खत्म करना ही बेहतर होगा.
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हर कदम पर समझौता- जब रिश्ते में प्यार की बजाय हर कदम पर कॉम्प्रोमाइज (Compromise) होने लगे, तो वह रिश्ता किसी काम का नहीं रहता. पार्टनर के हिसाब से रहना, घूमना, किसी से बात करनी है किससे नहीं, अगर आप ये सारी चीजें पार्टनर के हिसाब से कर रहे हैं तो ये कमिटमेंट (Commitment) नहीं बल्कि गुलामी है. कुछ समय के बाद ऐसे रिश्ते बोझिल बन जाते हैं. बेहतर होगा कि अपने रिश्ते में आजादी ढूंढें.
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झगड़े जब ज्यादा बढ़ जाएं- अगर आप एक इंसान के साथ रिश्ता निभा रहे हैं जिसकी वजह से आपको अक्सर रोना पड़ता है तो ऐसे रिश्ते को निभाने का क्या फायदा. रिलेशनशिप ऐसे इंसान के साथ रखना चाहिए जो आपकी लाइफ (Life) में खुशियां लाए ना कि गम. झगड़े बढ़ना इस बात का संकेत है कि आपके रिश्ते में दरार आ चुकी है. जब तक रिलेशनशिप में दोनों ही खुशियां पाने की कोशिश ना करें, तब तक रिश्ता कामयाब नहीं होता.
रिश्ता निभाने की जिम्मेदारी सिर्फ आपकी- जब दो लोग किसी रिलेशनशिप में आते हैं तो उसे सही तरीके से चलाने से लेकर उसे निभाना और फ्यूचर (Future) में उसे एक नाम देना भी दोनों की जिम्मेदारी होती है. अगर ये काम केवल कोई एक करने लगे तो उस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं. घर वालों से बात कैसे करनी है, शादी कैसे होगी, घर वालों से शादी की बात करने में क्या दिक्कतें आ सकती हैं अगर ये बातें दोनों की बजाय केवल आप ही सोच रहे हैं तो मान लीजिए कि आगे चलकर दिक्कत होगी.