न्यूयार्क: हाल ही में आई एक रिसर्च के मुताबिक, इनकम से भी फीजिकल एक्टिविटी प्रभावित होती है. रिसर्च के मुताबिक, मोटी कमाई करने वाले लोग सप्ताह के शेष दिन ज्यादातर समय कुर्सी ही तोड़ते रहते हैं. प्रिवेंटिव मेडिसिन जर्नल में पब्लिश इस रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने अमेरिका में 5,206 वयस्कों की शारीरिक गतिविधियों और उनकी आरामतलबी का रिसर्च किया और नेशनल हेल्थ एंड एक्जामिनेशन सर्वे 2003-06 में उनकी आय के आंकड़ों का विश्लेषण किया.


इस रिसर्च में पाया गया कि जिनकी कमाई सालाना 20,000 डॉलर से कम थी उनकी तुलना में जिनकी आय 75,000 डॉलर सालाना थी, वे जोरदार तीव्र शारीरिक गतिविधियां कम कर पाते थे. यहां तक कि उनकी हल्की शारीरिक गतिविधियां भी तुलनात्मक रूप से कम थी और ज्यादातर समय वे आराम तलबी में बिता रहे थे.

शोधकर्ताओं में से एक अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के केरेम सुवाल ने बताया, "हमारे रिसर्च में कम आय और उच्च आय वालों के बीच शारीरिक गतिविधियों और आराम तलबी में स्पष्ट अंतर का पता चलता है."

लोगों की शारीरिक सक्रियता में आमदनी में बढ़ोतरी होना एक बड़ी बाधा है.

हालांकि जिनकी आय कम होती है उनकी शारीरिक सक्रियता में भी कई तरह की चुनौतियां होती है, जैसे उनके पास कसरत करने की सुविधा की कमी, पार्क और खुले जगहों की कमी, कार्यालय की तरफ से कामकाज के समय में कम लचीलापन जिससे कसरत के लिए समय नहीं मिलना या फिर कसरत के लिए जरुरी गाइडलाइन का अभाव इत्यादि शामिल है.

इसकी तुलना में उच्च आय वर्ग के लोग जिनके पास प्राय: संसाधनों की कमी नहीं होती, लेकिन उनके पास समय सीमित होता है और वे ज्यादा कसरत या अन्य तीव्र शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाते.

इसके अलावा उनके द्वारा ऐसी नौकरियों को करने संभावना ज्यादा होती है, जिसमें कुर्सी पर बैठे-बैठे काम करना हो, ना कि भागदौड़ वाला काम करना हो.

नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.