फेफड़े शरीर का एक अहम हिस्सा हैं, जिससे पूरा शरीर ठीक से काम करता है. फेफड़े हमारे शरीर में ऑक्सीजन का संचार ठीक से करते हैं. ऐसे में फेफड़ों को स्वस्थ रखना सबसे जरूरी है. आजकल कई लोगों को फेफड़ों की समस्या होने लगी हैं, जिसके कारण जीवन खतरे में पड़ जाता है. फेफड़ों में समस्या होने पर व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन कम होने लगता हैं, जिसकी वजह से कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. फेफड़ों की समस्या होने पर अस्थमा, टीबी, निमोनिआ जैसी बीमारियां हो जाती हैं. आपको बता दें की फेफड़ों की बीमारी का प्रभाव, पुरुषों में और महिलाओं में अलग-अलग तरीके से होता है तो चलिए जानते है कि ऐसा क्यों होता है.  


महिला और पुरुष में फेफड़ों की बीमारी का प्रभाव अलग-अलग क्यों होता है? 
महिलओं और पुरुषों में फेफड़ों का साइज अलग-अलग होता है. इसीलिए इनमें प्रभाव भी अलग होते हैं. ऐसा माना जाता हैं कि महिलओं के फेफड़ों का साइज पुरुषों के फेफड़ों के मुकाबले 10% छोटा होता हैं और इसी कारण महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है. इतना ही नहीं बल्कि, हॉर्मोन्स के चलते भी महिलओं को फेफड़ों की बीमारी ज्यादा होती है. 


महिलाओं में फेफड़ों की बीमारी कितनी आम है? 
महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी कम धूम्रपान करती हैं. एक रिसर्च के मुताबिक 40% पुरुषों के मुकाबले केवल 9% महिलाएं धूम्रपान करती हैं, बावजूद इसके महिलाओं को फेफड़ों की बीमारी ज्यादा होती हैं. 55 साल और उससे कम उम्र की महिलाओं में फेफड़ों की बीमारी एकदम आम बात हैं और 55 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को अस्थमा होने की संभावना ज्यादा होती हैं. महिलाओं में सांस लेने की तकलीफ भी पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पायी जाती है. महिलाओं को काफी सांस से जुड़ी बीमारियों की एक बड़ी वजह फेफड़ों की बीमारी बनती है. 


कैसे रखें फेफड़ों को सही सलामत