महिलाओं के कूल्हे और रीढ़ की हड्डियों पर अधेड़ उम्र में दूध का क्या पड़ता है प्रभाव?
अधेड़ उम्र की महिलाओं में दूध का इस्तेमाल हड्डियों के लिए फायदेमंद नहीं है.कूल्हों, रीढ़ की हड्डियों के विकास में उसकी भूमिका नहीं होने का पता चला है.
बचपन से जानते आए हैं कि दूध में शरीर की जरूरतों को पूरा करनेवाले लाभकारी तत्व मौजूद होते हैं. दूध पीने से ऊर्जा, ताजगी और शरीर को फूर्ति मिलती है. मगर सेहत के लिए उपयोगी दूध महिलाओं की हड्डियों को मजबूत बनाने में मददगार नहीं है.
एक नए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है. शोध के दौरान दूध और डेयरी उत्पाद के इस्तेमाल से रीढ़ और कूल्हों की हड्डियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर गौर किया गया. शोध में ये पहलू भी शामिल था कि दूध और उससे बने उत्पाद के इस्तेमाल से महिलाओं की हड्डियों पर अधेड़ उम्र में क्या प्रभाव पड़ते हैं.?
अधेड़ उम्र की महिलाओं के लिए दूध कितना है उपयोगी?
'वीमेन हेल्थ एक्रोस द नेशन' (SWAN) में प्रकाशित एक लेख में बताया गया है कि औरतों में अधेड़ उम्र तक पहुंचने पर दर्द और कमजोरी की शिकायत में वृद्धि हो जाती है. मगर इसका हल दूध के इस्तेमाल में नहीं है. दूध और डेयरी उत्पाद के इस्तेमाल से कुछ हद तक हड्डियों की 'बोन मिनरल डिन्सेटी' यानी हड्डियों की खुराक की जरूरत पूरी होती है. मगर हड्डी के टूटने यानी फ्रैक्चर के खतरे में कमी नहीं होती. दूध का इस्तेमाल कूल्हों और रीढ़ की हड्डियों को फायदा नहीं पहुंचाता और ना ही उनके विकास में कोई भूमिका अदा करता है.
क्या दूध हड्डियों को स्वस्थ रखने में मददगार है?
शोध के दौरान ये बात सामने आई कि महिलाओं में प्रतिदिन दूध और उससे बने उत्पाद के इस्तेमाल से भी हड्डियों के टूटने के खतरे में कमी नहीं होती है और ना ही हड्डियों के कमजोर होने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है. शोधकर्ताओं को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में उम्र ढलने की शुरुआत से ही हड्डियों के कमजोर होने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है. शोध में कहा गया है कि दूध पौष्टिक तत्वों से भरपूर जरूर होता है. मगर उम्र बढ़ने के साथ इसके इस्तेमाल से हड्डियों को मजबूत रखने की बात का पता नहीं चला.
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