सोशल मीडिया प्लेटफार्म की ताकत को कमतर नहीं आंका जा सकता, खासकर एक ऐसे वक्त में जब लोग वर्चुअल दुनिया में एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हों. हो सकता है आपने सोशल मीडिया पोस्ट से लोगों की किस्मत बदले देखा होगा. कुछ ऐसा ही हुआ कैफे चलाकर रोजी रोटी कमानेवाले परिवार के साथ. परिवार की बंद किस्मत का दरवाजा उस खुला जब उसने स्वादिष्ट, स्वस्थ फूड एक ग्राहक को परोसा.


कैसे बदली एक ट्विटर पोस्ट ने परिवार की जिंदगी


ग्राहक कोई और नहीं बल्कि प्रभावशाली सोशल मीडिया हस्ती साबित हुआ. अविश्वसनीय कहानी में जॉर्जिया का क्रिस्टी किचन न सिर्फ आनेवाली तबाही से बच गया बल्कि उसे डोनेशन के रूप में बड़ी रकम भी हासिल हुई. ये सब संभव हुआ एक ट्विटर पोस्ट से जिसने कई लोगों के दिल को झकझोर दिया.






बंदी के कगार पर पहुंचे कैफे को खोलने में मिली मदद


क्रिस्टी किसनर और सेबेस्टियन ग्रेसी के लिए चमत्कार की वजह बने लोकप्रिय ह्यूमन ऑफ न्यू यॉर्क वेबसाइट के निर्माता और मशहूर लेखक ब्रान्डन स्टेनटन. कैफे में कदम रखने पर उन्हें ग्लूटेन मुक्त टिकिया के साथ डेयरी मुक्त लंच परोसा गया. इस दौरान जोड़े ने अपनी कहानी उनसे साझा की. उनकी कहानी ने ब्रान्डन स्टेनटन को काफी भावुक कर दिया. उसके बाद उन्होंने उसे दुनिया के सामने लाने का इरादा किया, और इस तरह किस्मत ने दस्तक दी.






लेखक के फैंस ने मार्मिक कहानी पर ध्यान दिया और उसे अन्य जगहों तक फैला दिया. ब्रान्डन जोड़े की पूरी कहानी को विस्तार से बताया कि कैसे बंद होने के कगार पर कैफे चलानेवाला परिवार पेरू से जॉर्जिया मात्र 10 हजार डॉलर लिए रेस्टोरेंट खोलने के लिए पहुंचा. पांच बेटियों के साथ परिवार को पालने के लिए उनका संघर्ष और काम के लंबे घंटे आपके दिल को भी छू लेंगे.





सेबेस्टियन को एक साथ दो झटके लगे. पहले फर्निचर का कारोबार नाकाम हुआ और फिर बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया. परिवार के सामने जिंदगी की गाड़ी चलाने की समस्या पैदा हो गई. ऐसी स्थिति में क्रिस्टी किसनर ने कूकिंग में अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करते हुए कैफे खोलने का विचार किया. पहले तो पत्नी ने ग्लूटेन मुक्त, स्वस्थ फूड पूरे परिवार के लिए पकाना शुरू किया और उस रेसिपी का इस्तेमाल कैफे में पकाने के लिए किया. मुश्किल हालात को याद करते हुए क्रिस्टी ने कहा, "हमारी जिंदगी में कुछ भी नहीं बचा था. बैंक ने घर पर कब्जा कर लिया, कार, फर्निचर और यहां तक कि बिस्तर भी छीन लिए गए. हम छोटी सी जगह पर रहने को मजबूर हो गए जो सेबेस्टियन की मां का था."






कैफे चलाने के लिए पांच बच्चियों समेत पूरे परिवार की जी तोड़ मेहनत को जानकर लोगों का दिल पसीज गया. ब्रान्डन ने दंपति के किचन के लिए फंड जुटाने का कार्यक्रम चलाया और दयालु लोगों की तरफ से डोनेशन की बड़ी रकम मिली.


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