How to Control Child aggressive Behaviour: पार्क में, स्कूल में या किसी और जगह अगर आपका बच्चा फाइट करता है या दूसरे बच्चों के साथ बुरा बर्ताव करता है तो पेरेंट्स को बड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ती है. बच्चों के बिहेवियर में कैसे इतनी एग्रेसिवनेस आ जाती है कि वो दूसरे बच्चों के साथ मारपीट करने लगते हैं और अगर कैसे इस बर्ताव को बदला जा सकता है इसके लिये इन बातों को अमल में जरूर लायें.


1- बच्चों से पहले खुद को सुधारें- अगर आप चाहते हैं कि बच्चा बहसबाजी से बचे और लोगों से सही से बात करे तो सबसे पहले खुद को सुधारें. आप बच्चे के सामने सही तरीके से बात करेंगे तो बच्चा भी अच्छी आदतें सीखेगा. अगर आप तू-तड़ाक में बात करेंगे या उसके सामने किसी से भी लड़ाई झगड़ा करेंगे तो बच्चा बहुत जल्दी कैच करेगा. आप चाहे तो ये बात खुद भी गौर करें कि जिन बच्चों के पेरेंट्स थोड़ा धीरे बोलते हैं या शांत होते हैं वो बच्चे भी ज्यादा एग्रेसिव नहीं बनते.


2- बच्चों को सही संगत में रखें- आप बच्चे को घर में कई अच्छी आदतें सिखा लें लेकिन अगर उसकी दोस्ती झगड़ालू या ऐसे बच्चों से होगी तो आपका बच्चा भी ये सीखेगा जरूर. बच्चों में कॉपी करने की आदत होती है इसलिये अगर अपने लाडले को लड़ाई-झगड़े से बचाना चाहते हैं तो उसकी दोस्ती किन बच्चों से है इसको भी जरूर याद रखें


3- बच्चे से ना करें बिल्कुल मारपीट- बच्चों की गलती पर उनको पीटना या झल्लाहट में उनको मारना आपके लिये सिरदर्द बन सकता है. अगर बच्चा घर में पिटेगा तो बाहर भी बच्चों पर हाथ उठायेगा या झगड़े में मारपीट कर सकता है. आप बच्चे गलती होने पर समझायें या टाइम आउट जैसा पनिशमेंट दे सकते हैं. 


4- बातों को नजरअंदाज ना करें- छोटे बच्चों में कई बार बहुत सवाल पूछने की आदत होती है और पेरेंट्स कई बार उनके लगातार कुछ ना कुछ सवाल जवाब से इरीटेट हो जाते हैं और बच्चों पर झल्ला देते हैं. या उनकी जिद पर गुस्सा करते हैं. इसके लिये जरूरी है कि बिना झल्लाये बच्चों के सवालों का जवाब दें और हो सके तो जिद ना पूरी करने की भी तार्किक वजह दें. ये काम लगता मुश्किल है लेकिन जब आप बच्चे पर चिल्लाना बंद कर देंगी तो वो भी दूसरों से लड़ाई-झगड़ा या चिल्लाना बंद करे देगा.


5- बच्चे में बहुत ईगो न पनपने दें- अपने बच्चे को शुरु से है थोड़ा पोलाइट बनायें, यानी उसे गलती करने पर सॉरी कहने में शर्म ना लगे या छोटी छोटी बातों को ईगो पर ना ले और Let go वाला एटीट्यूड रखने के लिये समझायें. अगर बच्चा हर बात पर गुस्सा करेगा या खिसियेगा तो जब वो और बच्चों के साथ होगा तो हर छोटी-बड़ी बात पर दूसरे बच्चों से लड़ाई झगड़ा करेगा. 

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