भारत में उधार मांगने और देने वालों की कोई कमी नहीं है. कुछ लोग जरूरत के समय मदद करने की भावना से पैसे देते हैं तो कुछ लोग विश्वास के कारण उधार दे देते हैं. हालांकि बुरा तब लगता है जब उधार लेने वाला पैसे देने के नाम पर मुंह मोड़ने लग जाए. आपके साथ भी ऐसा कई बार हुआ होगा कि आपने किसी से अपने उधार मांगे हों और उसने बहाने बनाकर पैसे देने से इनकार कर दिया. उधार लेने वालों से ज्यादा शर्म उधार मागने वाले व्यक्ति को आने लगती है. कई बार तो इस मसले का हल भी नहीं निकल पाता. फिर हम उन पैसों को भूलकर आगे बढ़ जाते हैं.
इस दुनिया में पैसे कमाना बहुत मुश्किल काम है. दिन-रात एक करनी पड़ती है. बॉस से डांट खानी पड़ती है. खून-पसीना एक करना पड़ता है और ऐसे में अगर कोई उधार लेकर बैठ जाए और वापस ना करें तो बहुत खलता है. फिर हम इस बात पर पछताने लगते हैं कि हमने उधार ही क्यों दिया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने इस मुश्किल स्थिति ने बाहर निकलने का एक कानूनी तरीका बताया है.
क्या कहते हैं वकील?
वकील नीतीश बांका ने अपनी एक इंस्टाग्राम रील पर इससे जुड़ी एक अहम जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि अगर कोई उधार लेकर वापस नहीं दे रहा है तो सबसे पहले आप उसे एक लीगल नोटिस भेजें. अगर लीगल नोटिस दिए जाने के बावजूद भी वो आपके पैसे वापस नहीं दे रहा है तो फिर आपको सिविल केस फाइल करना होगा.
कैसे मिलेगा जल्द पैसा?
नीतीश ने बताया कि सिविल केस 'समरी रिकवरी सूट' होगा, जो आपको फाइल करना है. इसमें कोर्ट आपका उधार लिया गया पैसा जल्द से जल्द रिकवर कराने का काम करेगा. 'समरी रिकवरी सूट' फाइल करने पर आपको आपका पैसा जल्दी मिल सकता है. जबकि नॉर्मल प्रोसीजर वाला सिविल केस फाइल करने पर पैसे वापस पाने में सालों भी लग सकते हैं.
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