Health Tips For Relief Stress: बदलती दुनिया के जिस मॉडर्न एरा का हिस्सा हैं हम लोग, इसमें जीना बहुत आरामदायक लग रहा है, लेकिन आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम खुद को जोखिम में डाल कर टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रहे हैं और अपना पूरा जीवन टेक्नोलॉजी के हिसाब से जीने की कोशिश भी कर रहे हैं, आज के दौर में तनाव, डिप्रेशन की समस्या से पूरा देश गुजर रहा है, इसका कोई भी ऐसा समाधान नहीं जिससे लंबे समय के लिए आराम मिल सके, ऐसा करने के लिए आपको अपनी आदतों में और अपने लाइफस्टाइल को बदलना होगा, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हम कम करेंगे, तो हो सकता है, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्या से आराम मिल सके, तो आइए जानते हैं, तनाव के लिए कौन से हार्मोन जिम्मेदार होते हैं. 


कब होता है तनाव? 
हमारे तनाव का कारण है, जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारियां लेना और उसे समय पर पूरा ना कर पाना, जैसे कई लोग ऑफिस का वो भी काम ले लेते हैं जो वो पूरा नहीं कर पाते, या फैमिली  की जिम्मेदारियां आदि. देखा जाए तो हमारे शरीर को लगातार काम करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है, और ऐसा न कर पाने के कारण,  सिम्पथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव मोड़ में हो जाता है, और हमारे शरीर में कॉटेजॉल नाम का स्ट्रेस हार्मोन निकलने लगता है, जिससे हम सोचने की स्थिति में आ जाते हैं, और इसी के वजह से ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ जाता है.


स्ट्रेस से शरीर में क्या होता है?
जब हमारे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं, तो इसकी वजह से शरीर के और भी हार्मोन्स रिलीज होने लगते हैं, लेकिन अगर ये क्रोनिक स्ट्रेस बन जाए तो इंसान को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, जब आप स्ट्रेस लेना शुरू करते हैं, तो शरीर से निकलने वाला हार्मोन आपको और सोचने पर मजबूत करता है, जिससे आपका तनाव और बढ़ने लगता है और आप सोचते-सोचते एक ऐसे मोड़ में आ जाते हैं, जहा आपको सही गलत भी समझ नहीं आता, और अगर आप इन हार्मोन्स पर रोक नहीं लगाते हैं, तो ये आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को कमजोर बनाते हैं इससे आप थका हुआ महसूस करने लगते हैं.  


स्ट्रेस होने पर क्या करें?  
स्ट्रेस दुनिया के हर इंसान को होता है, इसका मतलब ये नहीं की इसके होने से हम बच नहीं सकते हैं, इसके और भी कई सुझाव हैं, लेकिन सबसे आसान होता है, जब भी आपको ज्यादा स्ट्रेस हो, तो खुल के एक लंबी सांस लेनी चाहिए, अच्छे रिलीफ वाले गाने सुनने चाहिए, और रोजाना मैडिटेशन करना चाहिए, ऐसा करने से आप रोजाना ऊर्जावान महसूस कर पाएंगे और अपने डेली टारगेट को पूरा करने में आसानी होगी, लेकिन अगर आप स्ट्रेस लेते ही जा रहे हैं, तो ये माइग्रेन में तब्दील हो सकता है और आपको अंदर से कमजोर बना सकता है और साथ ही आप डिप्रेशन के भी शिकार हो सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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