Tulsi Farming: हमारे देश में अधिकतर किसान एक ही फसल चक्र की प्रकिया को अपना-अपनाकर उदासीन हो गए हैं. सालों से एक ही तरह की खेती की तकनीक अपनाकर अब किसान समझ चुके हैं कि इससे ज्यादा मुनाफा नहीं है. इसलिए कई किसान अब खेती की नई प्रक्रियाओं को अपना रहे हैं. पहले जहां सिर्फ खेती के नाम पर दाल, चावल, गेहूं जैसी चीजें ही उगाई जाती थीं. वहीं, अब खेतों में तरह-तरह के फ्रूट्स और जड़ी-बूटियां भी नजर आती हैं. इन्ही तरह-तरह की फसलों की लिस्ट में आप तुलसी की फसल भी एड कर सकते हैं. हमारे देश में तुलसी का खास महत्व है. अधिकतर लोग इसकी पूजा करते हैं. वहीं, आयुर्वेद में तुलसी का इस्तेमाल कई तरह की औषधी का निर्माण करने के लिए किया जाता है. ऐसे में किसानों के लिए तुलसी की खेती एक अच्छा और बेहतर कमाने का विकल्प हो सकता है. 


कैसे होती है तुलसी की खेती?


बलुई दोमट मिट्टी तुलसी की खेती के लिए काफी अच्छी मिट्टी मानी जाती है. इसकी खेती आप जून-जुलाई माह में शुरू कर सकते हैं. जून-जुलाई में बीजों के माध्यम से नर्सरी की तैयारी की जाती है. जब तुलसी की नर्सरी तैयार हो जाती है तो इसकी रोपाई की जाती है. इसके लिए दो लाइन के बीच लगभग 60 सेटीमीटर का गैप रखा जाता है. वहीं, पौधों की दूरी 30 सेंटीमीटर के करीब होती है. यह खेली 100 दिनों के अंदर में तैयार हो जाती है. इसके बाद कटाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है. 


दूसरी फसलों से कैसे बेहतर है तुलसी



  • दूसरी फसलों के आपको काफी समय लगता है. लेकिन तुलसी की फसल करने से आप 100 दिनों के अंदर कमाई करना शुरू कर सकते हैं. 

  • इसकी खेती में कम लागत के साथ ज्यादा मुनाफा होता है. 

  • तुलसी का इस्तेमाल कई तरह की दवाईयों को तैयार करने के लिए किया जाता है. 

  • इसके पौधों की देखभाल ज्यादा समय तक करने की जरूरत नहीं होती है. 


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