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Parenting During Lockdown: ओमिक्रोन के बीच बच्चों को सोशल कैसे बनाएं? आपके काम आएंगे ये टिप्स
Omicron: कोरोना अब नए रूप में डरा रहा है. लेकिन ना तो आपको डरना है और ना ही बच्चों को डरने देना है. स्कूल बंद होने के बाद और लॉकडाउन के चलते बच्चों का सामाजिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.
Parenting: बच्चों को सोशल बनाए रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे इनकी मेंटल ग्रोथ और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि होती है. हालांकि पैरंट्स के सामने ये एक बड़ा चैलेंज है कि कोरोना के एक नए वेरिऐंट ओमिक्रोन के केस जिस तरह से बढ़ रहे हैं, और जिस तरह से लॉकडाउन की तरफ हम फिर से बढ़ने लगे हैं, इस बीच बच्चों को सोशल कैसे बनाकर रखें. तो यहां आपके लिए कुछ आसान टिप्स दिए जा रहे हैं, जिनसे आपको मदद मिलेगी.
बच्चे से खुद बात करें
कोरोना के कारण समाज में जिस तरह से बदलाव हो रहे हैं, जिस तरह के चैलेंज हमारे सामने आ रहे हैं, इन सबके बारे में बच्चों को खुलकर बात करें. इन्हें बच्चा समझकर इग्नोर ना करें. अगर आपको ऐसा लगता है कि इस बारे में बच्चों से बात करने का क्या फायदा तो आपकी यह सोच सही नहीं है क्योंकि अगर आप अपने बच्चे से बात नहीं करेंगे तो वो इधर-उधर से सुनी गई बातों को सच मानेगा और अपने अंदर डर और असुरक्षा की भावना से भर सकता है.
न्यूज़ देखकर अगर बच्चा आपसे कोई सवाल पूछे तो उसे टालें नहीं. बल्कि उसकी जिज्ञासा का समाधान करें. नई रिसर्च और स्टडीज के बारे में अपडेट रहें. ताकि आप वैज्ञानिक पहलुओं के साथ अपने बच्चे को इस स्थिति के बारे में अधिक बता सकें. ऐसा करने से बच्चे की सोच भी बढ़ेगी और वो निडर भी बनेगा. इसके साथ ही उसके अंदर अपनी बात को बेहतर तरीके से कहने की कला भी विकसित होगी. जो कि उसके पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट के लिए बहुत जरूरी है.
वीडियो कॉलिंग से जोड़े
बच्चे को उसके दोस्तों के साथ विडियो कॉलिंग पर बात कराएं. अपने स्कूल के दोस्तों से बात करके बच्चा खुश भी होगा. साथ ही उसके मन में रिश्तों को बनाए रखने की ललक भी जगेगी. इससे बच्चा रिश्तों के महत्व और सामाजिक जीवन के बारे अधिक प्रैक्टिकल हो पाएगा. अपने रिश्तेदारों से आप जब भी बात करें तो उनसे या उनके बच्चों से अपने बच्चे की बात कराएं. अगर वे एक-दूसरे से बहुत फ्रेंडली नहीं है तो उन दोनों का एक-दूसरे से परिचय कराएं और एक हेल्दी कनेक्श बनाने का प्रयास करें. ऐसा करने से बच्चों के मन में नई चीजों के साथ ही नए रिश्तों को एक्सप्लोर करने की इच्छा भी जागती है.
फिजिकली ऐक्टिव रखें
बच्चे को सोशल बनाने के लिए उसे फिजिकली ऐक्टिव रखना भी जरूरी होता है. ये बात आपको अजीब जरूर लग सकती है लेकिन सच यही है कि जो इंसान शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहता है, वह अपनी सोशल लाइफ को अधिक इंजॉय कर पाता है. आपको बच्चे के अंदर आत्मविश्वास भरना है तब भी उसे फीजिकली ऐक्टिव रहना होगा. इसलिए घर में अगर जगह की कमी है तो आप रस्सी कूद और दूसरे ऐसे गेम्स में बच्चे को इन्वॉल्व करें, जिनमें शारीरिक रूप से अधिक ऐक्टिव रहने की जरूरत पड़ती है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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