ध्यान रखें, प्रदूषण से सुंदरता को भी लगता है ग्रहण
वातावरण में जहरीला धुआं, धुंध और रासायनिक प्रदूषण जहां सांस, फेफड़ों और दिल की बीमारियों का मुख्य कारण माना जाता है वहीं दूसरी ओर वातावरण में फैले प्रदूषण की वजह से हवा में नमी की कमी हो जाती है.
नई दिल्लीः वातावरण में जहरीला धुआं, धुंध और रासायनिक प्रदूषण जहां सांस, फेफड़ों और दिल की बीमारियों का मुख्य कारण माना जाता है वहीं दूसरी ओर वातावरण में फैले प्रदूषण की वजह से हवा में नमी की कमी हो जाती है. इससे त्वचा रूखी, सूखी होनी शुरू हो जाती है, जिससे त्वचा में फोड़े, फुंसी, चकत्ते, काले दाग धब्बे, झुर्रिया आनी शुरू हो जाती है और आप बदसूरत दिखने शुरू हो जाते हैं, जिससे बुढ़ापा समय से पहले दस्तक देना शुरू कर देता है.
त्वचा पर पड़ता है ज्यादा प्रभाव- शरीर के बाकी हिस्सों की बजाय त्वचा पर वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है. वायु प्रदूषण सबसे पहले त्वचा के बाहरी स्तर पर प्रहार करता है, जिससे त्वचा पर प्रदूषण के विषैले तत्व जम जाते हैं, त्वचा में खुजली और एलर्जी पैदा हो जाती है. प्रदूषण का त्वचा पर तत्कालीन और दीर्घकालीन दोनों प्रकार के प्रभाव होते हैं.
होती हैं ये समस्याएं- प्रदूषण से वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आती है, जिससे त्वचा का लचीलापन खत्म हो जाता है. साथ ही एलर्जी, गंजापन और अन्य त्वचा रोग उभर आते हैं. इससे आप समय से पहले ही बूढ़े और थके हुए दिखना शुरू हो जाते हैं.
प्रदूषण के प्रभाव से बचने के उपाय -
- प्रदूषण की वजह से त्वचा पर जमे मैल, गंदगी और प्रदूषक तत्वों की त्वचा से नियमित सफाई अत्यंत महत्वपूर्ण है.
- शुष्क त्वचा के मामले में क्लींजिंग क्रीम या जैल का प्रयोग कीजिए.
- तैलीय त्वचा के मामले में क्लीजिंग मिल्क या फेश वाश का उपयोग कीजिए. तैलीय त्वचा में क्लीजिंग के बाद फेशियल स्क्रब का प्रयोग कीजिए.
- क्लींजर खरीदते समय चंदन, नीम, तुलसी, ऐलोवेरा, नीलगिरी, पोदीना जैसे तत्वों से विद्यमान क्लींजर खरीदने को प्राथमिकता दें. इन क्लीजरों में जहरीले तत्वों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता की वजह से त्वचा की मैल, गंदगी को साफ करने और फोड़े-फुंसियों के उपचार में मदद मिलती है.
- ऐलोवेरा प्रभावकारी माईस्चराइजर और एंटी आक्सीडेंट माना जाता है. खुबानी, गुठली तेल, गाजर बीज आदि पोषक तत्वों से विद्यमान क्लींजर त्वचा को प्रभावी ढंग से प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने में सक्षम रहते हैं.
- यदि आपकी त्वचा कील, मुहांसे, फुंसी आदि से ग्रसित रहती है तो आपको उन विशेष क्रीम का उपयोग करना चाहिए, जोकि त्वचा से तैलीय पदार्थो को कम करके त्वचा को संरक्षण प्रदान करते हुए समस्या का समाधान करें.
- त्वचा को धोने के बाद त्वचा में ताजगी और निखार के लिए त्वचा को गुलाब जल से धोइए. काटनवूल को ठंडे गुलाब जल में डुबोइए और इससे त्वचा को टोन कीजिए. इससे त्वचा के रक्त संचार में बढ़ोतरी होती है.
- ग्रीन टी भी स्किन टोनर का काम करती है. यदि चेहरे पर फोड़े, फुंसियां आदि हो तो चंदन पेस्ट में गुलाब जल मिलाकर इसे चेहरे पर लगाने के आधे घंटे बाद धो डालिए.
- प्रदूषण के शरीर की त्वचा के प्रभाव को कम करने में 'कवर क्रीम' महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. चंदन क्रीम त्वचा को प्रदूषण से बचाने में काफी प्रभावी मानी जाती है. यह चेहरे पर रक्षात्मक कवर बना देती है और त्वचा को ठंडक प्रदान करती है. यह त्वचा में नमी बनाए रखने की क्षमता को बढ़ाती है और सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयोगी है.
बालों की प्रदूषण से देखभाल-
- यदि आप प्रदूषण भरे वातावरण में लंबी यात्रा करते हैं तो आपके बाल सूखे, निर्जिव और बेजान हो सकते है. बालों में ताजगी बनाए रखने के लिए बालों को नियमित रूप से ताजे पानी से धोना चाहिए ताकि बालों में जमे विषैली प्रदूषक तत्वों को साफ किया जा सके.
- बालों में शैंपू, सीरम और कंडीशनर लगाने से बालों का सामान्य संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है.
- आंवला मेहंदी, ब्राह्मी त्रिफला आदि तत्वों से पोषित शैंपू से बालों को ताजगी और पौष्टिकता प्रदान करने में मदद मिलती है.
- बालों में ताजगी लाने के लिए एक चम्मच शहद सिरका और एक अंडे का मिश्रण बनाकर इसे हल्के से स्कॉल्प पर लगाकर आधा घंटा बाद बालों को ताजे, साफ पानी से धो डालिए.
- शुद्ध नारियल तेल को गर्म करके इसे बालों पर लगाकर हाट थैरेपी दीजिए.
- तौलिए को गर्म पानी में डुबोकर पानी को निचोड़ने के बाद तौलिए को बालों में पगड़ी की तरह पांच मिनट तक लपेट लीजिए और इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराइए उससे बालों और स्कॉल्प में तेल को सोखने में मदद मिलेगी.
- बालों में रात को सोते समय तेल की मालिश कीजिए और रात्रि भर बालों में तेल लगा रहने दीजिए और सुबह ताजे साफ पानी से बालों को धोइए.
आंखों की देखभाल- वायु में प्रदूषण और गंदगी की वजह से आंखों में जलन और लालगी आ जाती है. इस दौरान आंखों को स्वच्छ ताजे स्वच्छ पानी से धोना चाहिए. आंखों को ठंडक और ताजगी प्रदान करने के लिए काटनवूल पैड को ठंडे गुलाब जल में भिगोकर आंखों पर आईपैड की तरह रखकर नीचे 15 मिनट तक आराम से लेट जाइए. इससे आंखों की थकान मिटेगी और आंखों में चमक आएगी.
नोट: ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.