Health Lifestyle Habit: पुराने टाइम पर कहा जाता था कि खुश रहना है तो कम खाने और गम खाने की आदत होनी चाहिये. अगर कम खायेंगे कई तरह की बीमारियों से भी बचे रहेंगे और गम खाने से मतलब है कि कोई बात बुरी लगे तो उसे भी भूल जायें यानी जैसे खाने को खाकर खत्म कर देते हैं वैसे ही गम को भी खत्म कर दें. इस मुहावरे को अगर जीवन में अपना लिया जाये तो बहुत सी परेशानियों अपने आप दूर हो जायेंगी. हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि कम खाने से खुद को कमजोर कर लिया जाये या कुपोषण के मरीज बन जायें. सिंपल शब्दों में कहें तो जब आपको लगे खाने से पेट भर गया है खाना वहीं स्टॉप कर दें. खाना निपटाना या टेस्टी लग रहा है तो ज्यादा खाने से बचना है. याद रखें जीने के लिये खाना है खाने के लिये नहीं जीना.
1-बीमारियों की जड़ है ज्यादा खाना- ज्यादा खाना ही हर मुसीबत की जड़ है, अगर कम खाना खायेंगे तो ना मोटापा बढ़ेगा, ना एसिडिटी होगी ना बदहजमी और दूसरी बीमारियां नहीं होंगी. कम खाना का सबसे अच्छा फायदा है कि मोटापा नहीं आयेगा. हर खाना अगर अपनी डायट से थोड़ा कम खाने की आदत डालें.
2-हैप्पीनेस के लिये जरूरी एक आदत- गर्मी में कभी फूड पॉइजनिंग हो गयी, एसिडिटी हो रही है या ब्लॉटिंग जैसा फील होना ये सब थोड़ा ज्यादा खाने की आदत से होता है. खाने के बाद उसे पचाने के लिये दवाईयां खाने से बेहतर है थोड़ा कम ही खायें और हैप्पी रहें.
3-लंबा जीवन जीना है तो कम खायें- जापानी लोगों की लंबी आयु का एक सीक्रेट है उनकी कम डाइट. दरअसल वो खाना हमेशा छोटी प्लेट में खाते हैं जिससे प्लेट बहुत कम खाने से ही फुल लगती है. अगर आपको भी कम खाने की हैबिट बनानी है तो छोटी प्लेट इस्तेमाल किया करें
4-जंक फूड से भी बचेंगे- सबसे ज्यादा नुकसान करता है जंक फूड जिसमें प्रिजवेटिव्स के अलावा कई बेकार ऑयल और ऐसे इंग्रीडियेंट होते हैं जो नुकसान करते हैं. अगर कम खाने की आदत परमानेंट डेवलप कर लें तो जंक फूड भी ज्यादा ना खाकर कम क्वांटिटी में खायेंगे और हेल्दी रहेंगे
5-नेचर फ्रेंडली हैबिट- कम खाने का बहुत बड़ा एडवांटेज है फूड वेस्ट नहीं होगा. अगर आपको भी पर्यावरण की चिंता है तो इस आदत से आपको प्राउड फील होगा. कम खाने की आदत की वजह से आप हमेशा प्लेट में खाना भी कम लेंगे और उसे वेस्ट करने की बजाय फिनिश करेंगे.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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