कोरोना वायरस से फैली महामारी के खात्मे के बाद इंसानी रिश्तों पर उसका कैसा असर पड़ेगा, जानकार इसको लेकर अभी से चिंतित दिख रहे हैं. ज्यादातर देश लॉकडाउन को खत्म कर सामान्य जिंदगी की तरफ लौट रहे हैं. मगर सवाल ये है कि कई महीनों तक सामाजिक दूरी में रहने के बाद चीजों का रूप क्या होगा ?


महामारी खत्म होने के बाद कैसे होंगे रिश्ते


कई मुल्कों में किसी के स्वागत करने पर चूमना, हाथ मिलाना या गले मिलने का रिवाज है. मगर एक बार फिर हमें बाहर निकलते वक्त काफी सावधानी बरतनी पड़ सकती है. छूने, खांसने और छींकने से लोग अभी से परहेज कर रहे हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर रॉबिन डंबार कहते हैं, “त्वचा के छूने से हमारे दिमाग में एंड्रोफिन सिस्टम सक्रिय होता है. इसके चलते हमारे अंदर गर्मजोशी का भाव पैदा होता है. हम जब नई आदत को अपनाने की कोशिश करेंगे तो हमारे सामने उलझन पैदा होने की आशंका है.


पारंपरिक आदतों में हो सकता है बदलाव


मानचेस्टर बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर कैरी क्वेर का कहना है कि छूने या लोगों के कानों में फुसफुसाने जैसी आदतें थोड़े समय के लिए गायब हो जाएंगी. इसका नतीजा ये होगा कि संचार पेचीदा हो जाएगा. जिससे लोग उसका गलत अर्थ निकालने लगेंगे क्योंकि आपके पास समझाने के लिए इशारे नहीं होंगे. वैज्ञानिक भावना जानी का मानना है कि महामारी ने हर चीज को बदल कर रख दिया है. सामाजिक रिश्ते को निभाने के तौर तरीके पर महामारी का असर हुआ है. उनके मुताबिक नए समाजिक तौर तरीकों को अपनाना मुश्किल हो सकता है. इसका ताजा उदाहरण है फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री का वो बयान जिसमें उन्होंने कोविड-19 के कारण अपने नागरिकों को चूमने से परहेज करने का मशविरा दिया है.


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