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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

नाश्ते में आप भी डेली ब्रेड खा रहे हैं तो जानें यह सही है या गलत?

नाश्ते में ब्रेड खाने को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं. क्या रोजाना ब्रेड खाना सही है? कहीं यह हमारे शरीर को नुकसान तो नहीं पहुँचाता? इन्हीं सवालों के जवाब आज यहां जानते हैं.

Eating Bread In Breakfast : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सुबह उठने के बाद हमारे पास नाश्ता तैयार करने के लिए बहुत कम समय होता है. इसलिए ज्यादातर लोग सुबह के नाश्ते के लिए ब्रेड और ब्रेड पर बनी चीज़ें जैसे - टोस्ट, सैंडविच आदि खा लेते हैं. ब्रेड तैयार करना आसान और कम समय लेने वाला विकल्प होता है. ऐसे में सवाल उड़ता है कि क्या रोजाना सुबह के नाश्ते में ब्रेड खाना सेहत के लिए अच्छा होता है? इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है जो वजन बढ़ा सकती है. लेकिन ब्रेड खाने में कोई हर्ज नहीं है, बस इसकी मात्रा और सही ब्रेड का चुनाव करना जरूरी है.

अगर आपको ब्रेड खाना ज्यादा पसंद है तो आपको सही ब्रेड का चुनाव करना जरूरी है. होल ग्रेन ब्रेड जैसे - ब्राउन, मल्टीग्रेन, आटे की ब्रेड आदि अधिक पौष्टिक होती है. ये आपको ऊर्जा देती है और भूख भी कम करती है. लेकिन ज्यादा मात्रा में ब्रेड खाने से वजन बढ़ सकता है. इसलिए संतुलित मात्रा में ब्रेड खाएं. आइए जानते हैं ब्रेड खानें का नुकसान...

वजन कम करने 
रोजाना सुबह के नाश्ते में ब्रेड खाने से वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है. ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट्स और नमक की मात्रा अधिक होती है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकती है. साथ ही, ब्रेड जल्दी पच जाने से भूख लगने लगती है, जिससे अनियमित खान-पान होता है. जिन लोगों को वजन घटाना चाहते हैं, उनके लिए यह  सही नहीं है. ऐसे लोगों को चाहिए कि वे प्रोटीन युक्त नाश्ता जैसे - दही, पनीर, अंडा, ओट्स आदि का सेवन करें, ताकि वजन नियंत्रण में रहे. 

ब्लड शुगर बढ़ जाना 
नाश्ते में ब्रेड खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है. ब्रेड में सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है. यह डायबिटीज के रोगियों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. इनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और ये ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं।. इस प्रकार, नाश्ते में ब्रेड की जगह फाइबर युक्त आहार लेने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है.

कब्ज की समस्या 
सबसे पहले, ब्रेड में फाइबर की मात्रा कम होती है, जो पाचन तंत्र के लिए बहुत जरूरी होता है. फाइबर की कमी से आंतों की गति धीमी पड़ जाती है. यही नहीं ब्रेड में ग्लूटेन अधिक होता है, जो कुछ लोगों के पाचन तंत्र को प्रभावित करता है और गैस या कब्ज का कारण बनता है. ब्रेड में यीस्ट और बेकिंग पाउडर की मात्रा अधिक होती है. इससे कब्ज बनता हा. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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