डायबिटीज एक पुरानी स्थिति है जो उस वक्त होती है जब आपका ब्लड ग्लूकोज बहुत ऊंचा हो जाता है. कार्बोहाइड्रेट्स, फैट्स, प्रोसेस्ड फूड्स और यहां तक कि प्राकृतिक शुगर आपके ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की वजह बन सकते हैं. लेकिन डायबिटीज होने का ये मतलब नहीं कि कोई शख्स ऐसे फूड्स खाने से रुक जाए जिससे उसे आनंद मिलता है.
स्वस्थ, संतुलित डाइट खाने से डायबिटीज पीड़ितों को अपनी स्थिति नियंत्रित करने और दिल, किडनी की बीमारी और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य जटिलताओं के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है. बेकाबू डायबिटीज के कई गंभीर नतीजे हो सकते हैं. बीमारी से पीड़ित ज्यादातर फूड्स खा सकते हैं, लेकिन उनमें से कुछ छोटे हिस्से में खाने की जरूरत हो सकती है.
ब्लड शुगर लेवल बढ़ानेवाले फूड्स को अलग करना आपको स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है और भविष्य में होनेवाली डायबिटीज की जटिलताओं के खतरे को कम करता है. कुछ ऐसे फूड्स हैं जो डायबिटीज पीड़ितों को अपनी डाइट में कभी नहीं शामिल करना चाहिए. न्यूट्रिशनिस्ट निम्मी अग्रवाल ने उनके बारे में विस्तार से बताया है.
फल का जूस- फल उन लोगों के लिए अच्छे होते हैं जिनको डायबिटीज है लेकिन फल के जूस उनके लिए बराबर में खराब हैं. फल के जूस में फाइबर अलग हो जाता है. सिर्फ विटामिन और फ्रुक्टोज ही उसमें बचे रह जाते हैं. फ्रुक्टोज से भरपूर फल के जूस ब्लड शुगर लेवल को ऊपर उठाते हैं.
रिफाइन आटा- फूड जैसे ब्रेड, व्हाइट राइस, पास्ता, बेकरी की सामग्री और स्नैक्स रिफाइन आटा से बनाए जाते हैं और इसलिए डायबिटीज पीड़ितों को नहीं खाना चाहिए. ग्लाइसेमिक सूची में ऊंचा होने के कारण ये फूड अधिक ब्लड शुगर की वजह बन सकते हैं. सटीक होने के लिए ब्लड में मौजूद शुगर के अवशोषण को कम करने के लिए फाइबर जरूरी होता है लेकिन रिफाइन आटा में बहुत कम फाइबर बचता है.
फ्लेवर्ड योगर्ट- स्वाद बढ़ाने या बदलने के लिए फूड में अलग-अलग फ्लेवर्स का प्रयोग किया जाता है. हम सोचते हैं कि फ्लेवर्ड योगर्ट प्रोबायोटिक्स के शानदार स्रोत होते हैं, लेकिन जितना हम सोचते हैं उतना स्वस्थ नहीं होते हैं. आजकल ज्यादातर उपलब्ध योगर्ट में कृत्रिम तरीके से मिठास को मिलाया जाता है. मीठापन हमारी जुबान को भले ही अच्छा लगे, लेकिन सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाता है. इससे शुगर लेवल बढ़ने का खतरा होता है.
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