Relationship Tips : शादियों का सीजन जोरों पर है. कई लोग इस बंधन में बंध रहे हैं, और कोई बंधने की तैयारी में है. कहा भी जाता है कि शादी के बाद जीवन का एक नया अध्याय शुरू होता है. ऐसे मे सभी नए जोड़ों की यहीं उम्मीद होती है कि उनकी जिंदगी का यह नया चैप्टर सुनहरे अक्षरों और लम्हों से सजा रहे. ख्वाब तो सभी सजाते हैं लेकिन ऐसा कम ही होता है कि आँखों में बसाये गए सारी ख्वाब पूरे हो.
शादी के बंधन मे बंधने वाला हर नया जोड़ा कुछ ऐसी गलतियां कर देता है जिसके कारण उसकी जिंदगी का यह चैप्टर उतार-चढ़ाव, मनमुटाव, झगड़ों जैसे लम्हों से भर जाता है, और सारे ख्वाब धरे के धरे रह जाते हैं. ऐसे में अगर आपकी भी नई-नई शादी हुई है या होने वाली है तो आपके लिए इन गलतियों को जानना बहुत जरूरी है. ताकि आप उन गलतियों को न दोहराएं जिसे बाकी लोगों ने दोहराया है.
कोई परफेक्ट नहीं होता, परफेक्शन की चाहत न रखें
शादी से पहले रिश्ते के समय कोशिश तो यहीं होती है कि जोड़ी परफेक्ट हो. लेकिन दूर से देखने, जानने में और साथ रहने मे बड़ा अंतर आ ही जाता है. ऐसा जरूरी नहीं है कि अपने जैसा सोचा हो सब वैसा ही हो. आपको अगर लगता है कि आप हर काम सलीके से करते हैं या एक रूटीन आधारित जीवन जीने में यकीन रखते हो, तो जरूरी नहीं कि आपका पार्टनर भी आपकी तरह ही हो.
ऐसे मे आपके इस बात पर जोर देना चाहिए कि आपके पार्टनर और आपको कुछ वक़्त मिले जिसमें आप दोनों एक दूसरे कि अच्छी- बुरी आदतों, रहन - सहन, पसंद न पसंद को जान सकें. ऐसे में आप दोनों को एक दूसरे संग तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी. कभी भी शादी के तुरंत बाद अपने पार्टनर से परफेक्शनिस्ट होने की चाहत ना रखें क्योंकि एक दम से परफेक्ट कोई नहीं होता.
ज्यादा की उम्मीद आपको निराश करेंगी और रिश्ता ख़राब
जरूरत से ज्यादा की उम्मीद हमेसा रिश्तोंके बीच दरार पैदा करती है. ऐसा आम तौर पर देखा गया है कि नए कपल्स ऐसी गलतियां अक्सर करते हैं. परिणाम ये होता है कि रिश्ते मधुर होने के बजाय कटु होने लगते हैं. ऐसी नौबत न आए इसके लिए जरूरी है आप अपने पार्टनर से ज्यादा की उम्मीद न पालें.
नए जोड़ों मे यह देखा गया है कि वो उम्मीद करते हैं कि उनका साथी उन्हें हर दिन कही बाहर ले जायेगा, दोनों ज्यादा वक़्त साथ बिताएंगे और बहुत कुछ. लेकिन हर दिन एक जैसा नहीं होता. पार्टनर के पास और भी जरुरत के कई काम हैं जिन्हें करना जरूरी है.ऐसे में जरूरी है कि शादी के शुरुआती दिनों मे आप अपनी फाइनेंसियल कंडीशन, काम मे व्यस्त और पार्टनर को कितना समय दे सकते हैं इसको लेकर आपस मे चर्चा कर लें.
पार्टनर या परिवार में बैलेंस बनाने को लेकर कन्फ्यूजन
आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि फलाना शादी के बाद बदल गया. ऐसे तंज परिवार या दोस्तों के तरफ से सुनने को मिलते हैं. असल में बदलाव का आना कोई गलत बात नहीं है. शादी के बाद आप चाहते तो है कि पार्टनर को वक्त दें, लेकिन आपकी जो दिनचर्या बनी है उसे आप बदल नहीं पाते, या यूं कह लें कि आप अपने कम्फर्ट जोन में बने रहना चाहते हैं और साथ में पार्टनर से अपने अनुरूप ढलने की अपेक्षा भी करते हैं. इससे रिश्ता बिगड़ता जाता है.
इस बात का ध्यान रखें कि शादी से पहले आप सिंगल थे तब आपकी प्राथमिकताएं अलग थीं, लेकिन शादी के बाद आपकी प्राथमिकता में बदलाव जरूरी है. आपने जिस नए जीवन की शुरुआत की है उन्हें समय देना आपकी प्राथमिकता की लिस्ट में ऊपर होना चाहिए. हालांकि इसका कतई यह मतलब नहीं है कि आप परिवार और दोस्तों को प्राथमिकता ही ना दें. यह रिश्ता ठीक एक नवजात कि तरह है जो बस थोड़ी ज्यादा केयर चाहता है.