Relationship Tips : इंसान की जुबान उसकी पहचान होती है, कुछ लोग जरूरत से ज्यादा बोलते हैं तो कुछ लोग बेहद गंभीर होते हैं. इंसानों की बोलने की शैली उसके व्यक्तित्व के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है, इसलिए जरूरी है कि आप ये जानें कि आप को कब क्या बोलना है.अगर किसी को हद से ज्यादा बोलने की आदत हो, तो कई बार यह इरिटेटिंग भी लगने लगता है और जब फिर बात डेट पर जाने की हो तब तो ऐसी आदतों पर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत होती है. हम ऐसा नहीं कह रहे कि ज्यादा बोलना बुरा है, लेकिन आपका बक-बक करना हर किसी को पसंद आए इसकी कोई गारंटी नहीं. ज्यादा बोलने में अक्सर लोग दूसरों की बातों पर ध्यान नहीं दे पाते, इसलिए ही कहा जाता है कि कम बोलकर सामने वाले को सुनना भी बेहद जरूरी होता है.अक्सर डेट पर जाने वाले लोगों के साथ भी होता है. आप पूरी प्लानिंग के साथ लड़का/लड़की से मिलने पहुंच तो जाते हैं, लेकिन पहले ही मुलाकात में कुछ बातें ऐसी भी बोल जाते हैं जो आपको उस वक्त नहीं बतानी होती हैं.
दूसरे को बोलने का मौका दें
अगर ज्यादा बोलना पसंद है या फिर आपकी आदत में है ऐसा तो मुमकिन नहीं है कि एक-दो दिन में आपकी यह हैबिट बदल जाएगी. लेकिन हां अगर आप इसे पहले से सोचकर जाएं कि डेट पर सामने वाले की भी सुननी होती है. तो कुछ हद तक ऐसा पॉसिबल हो सकता है. कम बोलने को एक बार आप प्रैक्टिस में ले आएंगे, तो खुद ही आपकी ज्यादा बोलने की आदत सुधर जाएगी.
बिना कुछ बोले भी रख सकते हैं अपनी बात
कई बार लोग डेट पर इतने घबराए होते हैं कि उन्हें समझ ही नहीं आता कि वह व्यक्ति के सामने कैसे अपनी बात रखें. ऐसे में आप कुछ बातों पर बिना बोले भी अपना रिएक्शन दे सकते हैं. जैसे किसी बात पर मुस्कुराना, पार्टनर की मजेदार बात पर हंसना या खाने का स्वाद अच्छा होने पर रिएक्शन देना। आपको यह समझना होगा कि हर एक बात पर कुछ बोलना ही जरूरी नहीं होता, कई बार इशारों-इशारों में भी अपने दिल की बात कही जाती है.
कम शब्दों में कहें अपनी बात
अगर आपको लगता है कि पहली डेट पर कोई शख्स आपकी राम कहानी सुनने में इंट्रेस्टेड होता है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. जब भी कोई लड़का या लड़की पहली बार मिलते हैं, तो एक-दूसरे के साथ कम्फर्ट और विचारों को चेक करते हैं. ऐसे में सामने वाले के कुछ पूछने पर कम शब्दों में आपका बात को रखना उन्हें आपकी सिन्सेरिटी दिखाता है.