भारत में बहुत पुराने समय से ही मसालों यानी की स्पाइसेज का इस्तेमाल दवाईयों के ऑल्टरनेटिव मेडिसिन के रूप में देखा जाता है. कई बीमारियों को दूर करने में मसालों को का उपयोग किया जाता है. शोधों से पता चला है कि काली मिर्च में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं. यानी वो शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं. साथ ही काली मिर्च रक्त की नसों को फैलाने में मदद करती है जिससे ब्लड प्रेशर और हाई बीपी ठीक रहता है. 


काली मिर्च में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. जैसे - पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि मिनरल्स. इसके अलावा विटामिन ए, ई, सी भी काली मिर्च में पाए जाते हैं. इतना ही नहीं, काली मिर्च में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जिन्हें एंटीऑक्सीडेंट कहते हैं. ये हमारी कोशिकाओं की रक्षा करते हैं, इस गुण की वजह से काली मिर्च कई बीमारियों में मदद करती है. साथ ही ये हमारी प्रतिरक्षा व्यवस्था को मजबूत भी बनाती है और गले की खराश में राहत पहुंचाती है. इसलिए काली मिर्च को खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है. 


हाई ब्लड प्रेशर होता है कंट्रोल 
हाई ब्लड प्रेशर एक आम समस्या है, जिसे कई बार लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों के कारण होना पड़ता है.ऐसे में, काली मिर्च ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का एक सुरक्षित और प्राकृतिक तरीका हो सकता है. काली मिर्च में 'पाइपरीन' नामक रसायन होता है, जो धमनियों को आराम देता है और रक्त के प्रवाह को सही बनाए रखने में मदद करता है. इसमें मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कम करता है और सोडियम का संतुलन भी बनाए रखता है. इसे आप रोजाना इस्तेमाल करते हैं तो आपको कुछ ही दिन में असर दिखने लगेगा. 


जानें इसका इस्तेमाल कैसे करें 
खाली पेट सुबह उठते ही एक गिलास गर्म पानी में 1 से 2 कुचली हुई काली मिर्च के दाने मिलाएं. अगर पानी का तापमान सहन न हो तो गुनगुने पानी का भी प्रयोग किया जा सकता है. इस मिश्रण को पी जाए. रोजाना इस तरह सुबह खाली पेट काली मिर्च और गर्म पानी का सेवन करने से बीपी कंट्रोल में रहता है. 


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