हर शख्स अपनी जिंदगी में सफल होना चाहता है और इसके लिए काफी मेहनत भी करता है. कुछ लोग तो काफी कम मेहनत के बाद ही कामयाब हो जाते हैं, लेकिन अधिकतर लोगों को नाकामी का मुंह देखना पड़ता है. जब कोई अपनी जिंदगी में असफल होता है तो वह अपनी किस्मत और योग्यता को दोष देने लगता है. अगर आप भी ऐसे ही हालात से जूझ रहे हैं तो आपको आचार्य चाणक्य की किताब चाणक्य नीति पढ़ने की जरूरत है, जिसकी मदद से आप अपने गोल्स अचीव कर पाएंगे.
आचार्य चाणक्य की सूक्तियों का संकलन है चाणक्य नीति
गौरतलब है कि आचार्य चाणक्य महान विद्वान और रणनीतिकार थे. उनकी नीतियों और निर्देशों को जानने-समझने और इससे अपनी जिंदगी सुधारने के लिए लोग चाणक्य नीति पढ़ते हैं. बता दें कि चाणक्य नीति ईसा पूर्व तीसरी-चौथी शताब्दी में लिखी गई थी. यह आचार्य चाणक्य की सूक्तियों का संकलन है. अगर आप अपनी जिंदगी में सफल होना चाहते हैं तो इस किताब में लिखी आचार्य चाणक्य की इन तीन बातों को अपनी जिंदगी में उतार लीजिए.
खुद पर नियंत्रण रखना सीखें
चाणक्य नीति के मुताबिक, खुद पर नियंत्रण रखना पर्सनल ग्रोथ की नींव है. आचार्य चाणक्य का मानना था कि कोई भी काम बहुत ज्यादा जोश में नहीं करना चाहिए. अगर उस काम को करते वक्त खुद पर नियंत्रण रखेंगे और भविष्य के लक्ष्यों को ध्यान में रखने की क्षमता बढ़ाने पर फोकस करेंगे तो कामयाबी जरूर मिलेगी. उनका मानना था कि अगर कोई शख्स खुद पर नियंत्रण कर लेता है तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है. चाहे उसे कोई भी काम क्यों न मिल जाए. वह बेहद आराम से उस काम को निपटा लेगा और अधूरा नहीं छोड़ेगा. उनका विश्वास था कि इस तरीके की मदद से व्यक्ति धनवान बन सकता है.
किस्मत के भरोसे न रहें
आचार्य चाणक्य का मानना था कि किसी भी शख्स को अपनी किस्मत के भरोसे नहीं रहना चाहिए. इसकी जगह उसे खुद को हर स्थिति में काम करने के लिए तैयार रखना चाहिए. ऐसे व्यक्ति को कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता, जो किसी भी काम को करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करता हो.
किसी को न बताएं अपनी कमजोरियां
चाणक्य नीति के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को अपनी ताकत और कमजोरियों का जिक्र किसी दूसरे से नहीं करना चाहिए, चाहे हालात कैसे भी क्यों न हो. आचार्य का मानना था कि इस तरह की जानकारी से विरोधियों और प्रतिद्वंद्वियों को फायदा उठाने का मौका मिल जाता है. इसके अलावा आचार्य कहते थे कि किसी के भी साथ अपने नुकसान या पर्सनल समस्या को शेयर नहीं करना चाहिए. जब लोग आपकी दिक्कतों के बारे में जान जाते हैं तो वे साथ देने का झूठा नाटक करते हैं और जरूरत के वक्त मदद भी नहीं करते हैं. उनका मानना था कि जो लोग अपनी समस्याएं शेयर करते हैं, उनका मजाक उड़ाया जाता है और अपमान किया जाता है.
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