ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं. अगलगी की घटना में सब कुछ जलकर राख हो जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी लापरवाही जान-माल पर भारी पड़ जाती है. लोग हुक्का, चिलम या बीड़ी पीकर बिना बुझे ही छोड़ देते हैं. फिर वही चिंगारी भयंकर आग का रूप धारण कर लेती है.


आग लगने पर पैनिक होने से बचें


कुकिंग गैस सिलेंडर में लीकेज या फिर स्विच में खराबी होने से अगलगी की आशंका रहती है. आग लगने पर आपातकाल स्थिति में आपको पैनिक होने की जरूरत नहीं है. मकान, दुकान, अस्पताल, फैक्ट्री, अस्पताल या किसी वाहन में आग लगने पर तुरंत फायर ब्रिगेड की सेवा के लिए 101 नंबर पर संपर्क करें. साथ ही आग खुद से आग पर काबू पाने का प्रयास भी शुरू कर दें. आग से लड़ने के साधन में पानी से भरी हुई बाल्टी, रेत की बोरियां, सीढ़ियां, कंबल और अग्नि शमन सिलेंडर का उपयोग किया जा सकता है.


रेत, पानी या कंबल का करें इस्तेमाल


रेत, मिट्टी या बाल्टी से पानी आग के ऊपर डालकर आग को फैलने से रोका जा सकता है. फैक्ट्री या मिल में आग लगने पर बिजली का मेन स्विच फौरन ऑफ कर दें. किसी व्यक्ति के कपड़ों में अगर आग लग जाए तो उसे तौलिया से बुझाएं. कपड़ों में आग लगे हुए व्यक्ति को जमीन पर लिटाने का प्रयास करें. फिर जले हुए भाग पर ठंडा पानी डालें. इस दौरान ख्याल रखें कि जले हिस्से पर चिपकी हुई किसी चीज को हाथ से न हटाएं. रोगी को कंबल में लपेट कर 102 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करें.


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