सर्वे: 65 फीसदी बच्चों को पसंद है इन-पर्सन लर्निंग, जानिए इसमें किस तरह बच्चों को बढ़ाया जाता है?
कोरोना में एजुकेशन मॉडल को लेकर एक सर्वे किया गया. सर्वे मंे 65 प्रतिशत छात्रों ने इन पर्सन लर्निंग पर भरोसा जताया है. इसका पॉजीटिव असर शिक्षक-छात्र संबंधों पर भी पड़ता है.
In-Person Learning Benefits: कोविड के बादसे बच्चे हो या बड़े, सभी के जीने का ढर्रा बदल गया है. ऑनलाइन कोचिंग, ऑनलाइन क्लासेज जैसी व्यवस्थाएं अब चलन में हैं. कोरोना मेें एजुकेशन की नई व्यवस्था इजाद की गई. इसे इन-पर्सन लर्निंग नाम दिया गया है. इसे एजुकेशन के नए मॉडल के रूप में देखा जा रहा है. इसपर एक सर्वे भी किया गया. सर्वे में काफी संख्या में बच्चों ने इस मॉडल को पसंद किया है. जानने की कोशिश करते हैं कि इन-पर्सनल लर्निंग क्या है?
शिक्षा पर किया प्यू रिसर्च सर्वे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 14 अप्रैल से 4 मई तक प्यू रिसर्च सर्वेक्षण में किया गया. रिसर्च में सामने आया कि अधिकांश किशोर छात्र कोविड-19 महामारी में प्रारंभिक रूप से आवश्यक हाइब्रिड या दूरस्थ विकल्प यानि ओपन लर्निंग स्कूलिंग पसंद करते है. सर्वेक्षण में सामने आया कि लगभग 11 प्रतिशत किशोरों ने हाइब्रिड कक्षाओं में भाग लेने की सूचना दी और 8 प्रतिशत ने कहा कि उनकी स्कूली शिक्षा पूरी तरह दूरस्थ थी. 13 से 17 साल के अधिकांश (80 प्रतिशत) ने पिछले महीने पूरी तरह से व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में भाग लिया.
दूरस्थ शिक्षा में दिखी कमी
दूरस्थ शिक्षा से आशय है कि छात्र रेग्यूलर स्कूल न आए और ऑनलाइन या अन्य माध्यम से पढ़ाई पूरी कर ले. मनोचिक्तिसों का कहना है कि दूरस्थ शिक्षा छात्रों को एक-दूसरे से अलग करती है. सोशल कनेक्टिविटी में इमोशंस को भी नुकसान पहुंचाती हैं. किशोर किशोरों को न केवल अपने शिक्षकों से, बल्कि साथियों से सीखने में भी परेशानी हो सकती है.
65 प्रतिशत को इन पर्सन लर्निंग पसंद
शोधकर्ताओं ने पाया कि 65 प्रतिशत छात्रों ने इन-पर्सन इंस्ट्रक्शन यानि इन पर्सन लर्निंग को प्राथमिकता दी. 18 प्रतिशत की तुलना में जो हाइब्रिड मॉडल पसंद करते हैं और 9 प्रतिशत ने बताया कि वे दूरस्थ रूप से सीखना चाहते हैं. सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक अश्वेत किशोरों ने कहा कि महामारी समाप्त होने के बाद इन-पर्सन स्कूल में वापसी चाहते हैं, जबकि 70 प्रतिशत श्वेत किशोरों ने इन-पर्सन कक्षाओं में वापसी की सूचना दी.
क्या होती है इन-पर्सन लर्निंग?
इन-पर्सन लर्निंग किसी भी प्रकार की निर्देशात्मक बातचीत है. ये व्यक्तिगत रूप से एक समय में शिक्षकों और छात्रों के बीच या सहकर्मियों और साथियों के बीच होती है. इसका मकसद छा़त्र, सहकर्मी और शिक्षकों के बीच सोशल, इमोशनल और एजुकेशनल कनेक्टिविटी बढ़ाना है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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