कोरोना महामारी ने लोगों को जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है. लोग घरों में कैद होकर रहने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में बच्चों के लिए सिर्फ घर में बंद होकर रहना काफी मुश्किल हो रहा है. बच्चों के स्कूल-कॉलेज बंद हैं. कोरोना की वजह से वो न अपने किसी दोस्त से मिल सकते न ही किसी के घर जा सकते हैं. पार्क, मॉल, स्विमिंग पूल, जिम और लगभग सभी टूरिस्ट प्लेस बंद हैं. ऐसे में लंबे समय से घर पर रहने से बच्चों के स्वभाव में कई तरह के बदलाव आ रहे हैं. बचपन का मतलब होता है घूमना-फिरना, मस्ती करना, बिंदास रहना और किसी बात की चिंता नहीं करना होता है. लेकिन अब बच्चों को इस बात की चिंता और डर सताने लगा है कि ऐसा कब तक रहेगा. लंबे समय से घर में रहने से बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है. कुछ बच्चे ज्यादा चिड़चिड़े हो रहे हैं. ऐसे में माता-पिता की परेशानी भी बढ़ रही है. आज हम आपको मनोचिकित्सक की सलाह से ऐसे टिप्स दे रहे हैं जिससे आप अपने बच्चे को स्वस्थ और खुश रख सकते हैं.


बच्चों को खुश रखने के लिए टिप्स 


1- बच्चों के साथ खेलें- हम सब ने अपने बचपन में कई तरह के इनडोर गेम जैसे कैरम, लूडो, गिट्टे आर कार्ड खेले हैं. इस समय बच्चों की छुट्टियां है तो आपको थोड़ा वक्त निकालकर उनके साथ खेलना चाहिए. कोरोना की वजह से बच्चे बाहर नहीं जा सकते तो आपको इन इनडोर गेम्स से बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए. इससे बच्चे खुश रहेंगे और टीवी और फोन से भी दूर रहेंगे. 


2- बच्चों का पसंदीदा खाना बनाएं- बच्चे खाने-पीने के बहुत शौकीन होते हैं. बाहर जाने या घूमने जाने के पीछे उनकी एक वजह ये भी होती है कि उन्हें उनका पसंदीदा खाना मिलेगा. लेकिन अब बच्चे घर पर ही रहते हैं तो आप उनके लिए घर में ही उनका पसंदीदा खाना बनाएं. वो खाना भी बनाएं जो बच्चे बाहर जाकर खाते थे. इससे बच्चे खुश हो जाएंगे. 


3- हर दिन का लक्ष्य तय करें- बच्चों की बोरियत दूर करने का एक तरीका है कि उन्हें हर रोज कई लक्ष्य दें. उन्हें छोटे-छोटे टास्क दें और उन्हें पूरा होने पर उनकी पसंद की चीज दिलाएं. इस तरह बच्चा व्यस्त रहेगा और उसे अकेलापन और बोरियत भी महसूस नहीं होगी. 


4- दादी-नानी की कहानियां सुनाएं- बच्चे सब कुछ जान लेना चाहते हैं. कई बार वो मोबाइल और टीवी की दुनिया से ऊब जाते हैं. अपनी किताबें पढ़कर भी बोर हो जाते हैं. ऐसे में आपको अपनी दादी-नानी की कहानियां सुनानी चाहिए. पहले दादी-नानी जो कहानियां सुनाती थीं बच्चें उन्हें बड़े ध्यान से सुनते थे. इससे 4 बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है. इस तरह की कहानियों से नैतिक शिक्षा का पाठ भी मिलता है. 


5- सकारात्मक बातें करें- कोरोना के इस समय में बच्चों के सामने नकारात्मक बातें न करें. इस तरह की खबरें भी न दिखाएं इससे बच्चों के मन पर गहरा असर पड़ता है. उन्हें समझाएं कि ये वक्त जल्द बीत जाएगा, फिर सब अच्छा हो जाएगा. कोरोना की पॉजिटिव खबरें ही बच्चों के सामने करें. घर में प्यार का और खुशी का माहौल रखें. 


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