नई दिल्ली: प्रदूषण किसी भी रूप में हो आपके लिए नुकसानदायक है. दिल्ली एनसीआर में लगातार बढ़ता प्रदूषण आपकी ना सिर्फ सेहत को प्रभावित कर रहा है बल्कि आपको कई तरह की बीमारियां भी दे रहा है. इतना ही नहीं, दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण का प्रभाव आपकी सेक्स लाइफ पर भी बहुत पड़ रहा है. आज हम आपको कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें पहचान आप जान सकते हैं कि इसका आपकी सेक्स लाइफ पर क्या असर हो रहा है. चलिए जानते हैं बढ़ता प्रदूषण कैसे कर रहा है सेक्स लाइफ बर्बाद.
लक्षण
- सेक्स इच्छा में कमी या खत्म होना
- मूड स्विंग्स
- सेक्स प्रदर्शन में कमी
- सिरदर्द
- चिड़चिड़ापन
- सेक्स हार्मोंस में कमी
- इंफर्टिलिटी की समस्या
- स्पर्म क्वालिटी खराब होना
- शुक्राणुओं की संख्या में कमी
- हार्मोंस में असंतुलन
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग, नई दिल्ली के डॉ. अनिल कुमार वार्ष्णेय का कहना है कि सेक्स ड्राइव का कम होना या खत्म होने का एक महत्वपूर्ण कारण जहरीली हवा में सांस लेना है. दिल्ली के प्रदूषण से हर कोई प्रभावित है. इतना ही नहीं, शरीर को सुचारू रूप से चलाने और बेहतर यौन प्रदर्शन के लिए ताजी हवा बहुत जरूरी है.
दिल्ली की इंदिरा आईवीएफ अस्पताल की फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, सागरिका अग्रवाल का कहना है कि देश में 15 फीसदी मेल इंफर्टिलिटी की समस्या है. ये आंकड़ा फीमेल फर्टिलिटी से अधिक है.
उनका कहना है कि वायु प्रदूषण ना सिर्फ हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है बल्कि ये स्पर्म के लिए भी विषाक्त हो सकता है. टेस्टोस्टेरोन या एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से सेक्स इच्छा कम हो सकती है, जिससे सेक्स लाइफ इफेक्ट होती है.
दिल्ली के आईवीएफ विशेषज्ञ अरविंद वैद का कहना है कि बहुत अधिक प्रदूषण से सांस लेने से रक्त में मुक्त कणों की अधिक मात्रा होती है जिससे एक हेल्दी पुरुष के शुक्राणु की गुणवत्ता भी खराब हो सकती है. इन्होंने आगे कहा, अभी दिल्ली के प्रदूषण का स्तर मेल इंफर्टिलिटी और महिलाओं में गर्भपात का अहम कारण है.
जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, कामेच्छा पर वायु प्रदूषण का बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. दरअसल, हवा में मौजूद हैवी मैटल्स उन हार्मोंस में असंतुलन पैदा करती हैं जो यौन इच्छाओं के लिए जिम्मेदार हैं.
रिसर्च में पाया गया है कि प्रदूषण के कारण मूड में बदलाव होना, चिड़चिड़ापन और सिरदर्द बहुत अहम है. यदि आपकी सेक्स ड्राइव कम नहीं हुई लेकिन प्रदूषण के कारण मूड स्विंग्स और सिरदर्द स्थिति में आप प्यार करने के बारे में नहीं सोचेंगे. सेक्सुअली और आपके मूड को संतुलित रखने के लिए कोर्टिसोल, थायराइड, एस्ट्रोजन, डीएचईए और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन आवश्यक हैं. वायु प्रदूषण से ये सभी हार्मोन बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं.
गर्भावस्था के दौरान आने वाली कठिनाईयों और गर्भपात का एक कारण वायु प्रदूषण भी है. नेचर सस्टेनेबिलिटी के एक अध्ययन के मुताबिक, गर्भवती महिलाएं हवा में जहरीले प्रदूषकों के संपर्क में आती हैं और साइलेंट गर्भपात का शिकार हो सकती हैं. साइलेंट गर्भपात के दौरान शिशु बढ़ना बंद कर देता है या फिर मां को गर्भपात का लंबे समय तक अहसास नहीं होता.
ये खबर रिसर्च और एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.