कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है इन्फ्लुएंजा, पिछले 100 सालों में 4 बार दस्तक दे चुकी है यह महामारी
इन्फ्लुएंजा महामारी के कारण दुनियाभर में हर साल 2 लाख 90 हजार से लेकर 6 लाख 50 हजार तक लोग मरते हैं. साल 1918 से लेकर साल 2018 के बीच करीब 4 बार इस महामारी का सामना करना पड़ा है.
संक्रामक रोग विशेषज्ञों के अनुसार वैश्विक फ्लू का प्रकोप कोविड-19 की तुलना में मनुष्यों के लिए एक गंभीर और वास्तविक खतरा है. मिनेसोटा विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग अनुसंधान और नीति केंद्र के निदेशक प्रोफेसर माइकल ओस्टरहोम के अनुसार, 'वैश्विक इन्फ्लुएंजा का प्रकोप कोविड महामारी से कहीं अधिक घातक हो सकता है, यह आगामी छह महीनों में 33 मिलियन लोगों को प्रभावित कर सकता है.
पिछले 100 सालों में 4 बार इन्फ्लुएंजा महामारी ने दी दस्तक
ओस्टरहोम ने बताया कि कोविड-19 से पहले, इन्फ्लूएंजा महामारी के लिए बायोलॉजिकल रिस्क था और यह अभी भी नहीं बदला है. साल 1918 से साल 2018 तक इन 100 सालों में चार इन्फ्लुएंजा महामारी देखने को मिली है. यह साफ तौर पर दिखता है कि इन्फ्लुएंजा महामारी एक गंभीर खतरा है. सवाल यह नहीं है कि क्या एक और इन्फ्लुएंजा महामारी आएगी, सवाल यह है कि यह लेकिन कब आएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई अन्य संगठनों के साथ मौसमी फ्लू के वैक्सीन विकसित करने के लिए एक रोडमैप के शुभारंभ कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम में प्रोफेसर ओस्टरहोम ने बताया कि इस साल इन्फ्लुएंजा महामारी बढ़ने की संभावना है. फ्लू महामारी, कोविड-19 से अधिक घातक मानी जाती है.
रोडमैप यह निर्धारित करता है कि फ्लू की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की बेहतर समझ से लेकर स्थायी वित्त पोषक सुनिश्चित करने के लिए नए टीकों के विकास के लिए क्या आवश्यक है. विशेषज्ञों के मुताबिक, वर्तमान फ्लू के वैक्सीन, पहली बार साल 1940 के दशक में विकसित की गई तकनीक पर आधारित है. इसे तैयार करने की हर साल आवश्यकता होती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि इन्फ्लुएंजा महामारी किस प्रकार फैल रही है.
फ्लू के कारण हर साल न्यूनतम 2.90 लाख लोगों की मौत
इन्फ्लुएंजा महामारी के कारण दुनियाभर में हर साल 2 लाख 90 हजार से लेकर 6 लाख 50 हजार तक लोग मरते हैं. यह महामारी ज्यादातर मिडिल इनकम वाले देशों को असमान्य रूप से प्रभावित करता है. दुनिया हर 25 साल में एक बार इन्फ्लुएंजा महामारी का सामना करता है.
WHO के वैक्सीन विशेषज्ञ डॉ. मार्टिन फ्रीड ने बताया कि पिछले 10 सालों में वैक्सीन में क्रमागत सुधार हुआ है. लेकिन हमारे पास अभी भी एक टीका नहीं है जो लंबे समय तक लंबे समय तक सुरक्षा दे सके.
अंतिम लक्ष्य एक सार्वभौमिक फ्लू वैक्सीन के लिए है जिसे हर साल प्रशासित नहीं करना पडे. यह कई अलग-अलग स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी था. यह छोटे और कम आय वाले देशों में इस्तेमाल किया जा सकता था. महामारी इन्फ्लुएंजा के खिलाफ वैक्सीन की भी तत्काल आवश्यकता है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि कोविड महामारी से सबक सीख सकते हैं.
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