Channa History : मसल्स बनाने वाले अधिकतर लोग चना का सेवन करते हैं. चना स्वास्थ्य के लिए काफी हेल्दी होता है. इसके सेवन से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. यह इम्यूनिटी बूस्ट करने से लेकर मोटापा कंट्रोल करने में मददगार हो सकता है. खासतौर पर सर्दियों और मॉनसून सीजन में इसके सेवन से काफी फायदे हो सकते हैं. विश्वभर में भारत चना उगाने में नंबर -1 है. आज हम इस लेख में चने का इतिहास जानेंगे. 


चने का इतिहास


चना एक सुपरफूड माना जाता है. इसे कई लोग लड़ाकू आहार कहते हैं. इसका कारण इसकी उत्पत्ति से जोड़ा गया है. दरअसल, चने की उत्पत्ति मध्य पूर्व क्षेत्र में हुई थी. यहां के देशों के लोग उत्पत्ति काल से ही लड़ाके माने जाते हैं. इस क्षेत्र में  ईरान, इराक, जॉर्डन, तुर्कमेनिस्तान, सीरिया, बहरीन, इजरायल, लेबनान, तुर्की, यूएई, यमन इत्यादि देशों को शामिल किया जाता है. 


इन सभी देशों का इतिहास हमेशा युद्ध में लीन रहा है. हालांकि, ये देश मांसाहारी हैं, लेकिन इन देशों के लोगों ने अपने आहार में एक नैचुरल तत्व को  भी शामिल किया, जिसका नाम चना है. इन क्षेत्रों  के लोग बखूबी रूप से जानते हैं कि चना खाने से उनको ताकत और मजबूती मिलती है. 


चने को पचाने की तरकीब


इन देशों के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि चने को पचाना काफी मुश्किल होता है. इसलिए चने को सीधेतौर पर खाने के बजाय चने से हम्मस (Hummus) बनाई जाती है. यह एक तरह का डिश है, जिसे उबालकर तैयार की जाती है. देखने में यह स्प्रेड (Spread) की तरह है. यह काफी स्वादिष्ट होता है. इसके अलावा आप चने का सत्तू बनाकर खा सकते हैं. 


भारत में चने का उत्पादन काफी ज्यादा होता है. लगभग सभी राज्यों में इसका सेवन किया जाता है. लेकिन ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में चने का सेवन न करें. इससे आपके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है.


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