Ghosting:डेटिंग रिलेशनशिप से जुड़ा एक टर्म इन दिनों खूब चर्चा में बना हुआ है और वो है घोस्टिंग..अगर आप इसे भूत-प्रेत जैसा कुछ समझ रहे हैं तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है घोस्टिंग का मतलब यह होता है कि कोई शख्स अचानक अपने रिश्ते से बिना पार्टनर को बताए निकल जाता है.ऐसे में सामने वाला 100 सवालों के घेरे में रहता है, उसे कुछ समझ ही नहीं आता कि आखिर हुआ क्या है, कसमें वादों के बाद अचानक कोई एक बात करना बंद कर देता है, ठीक उसी प्रकार जैसे भूत हवा में गायब हो जाता है.इस सिचुएशन को साइकोलॉजी में घोस्टिंग कहते हैं.
कैसे ब्रेकअप से भी ज्यादा खतरनाक होता है घोस्टिंग?
ब्रेकअप में सामने वाला आपको बता कर आपसे नाता तोड़ता है लेकिन घोस्टिंग में कोई व्यक्ति 1 दिन पहले तक अच्छे से बात करता है और फिर एकदम से अपनी जिंदगी से अपने पार्टनर को बाहर कर देता है, बिल्कुल ही कट ऑफ कर देता है .ऐसा करते समय उस इंसान को कोई वार्निंग या फिर किसी तरह का कोई एक्सप्लेनेशन भी नहीं दिया जाता, जिसे कट ऑफ कर रहे हैं घोस्ट करने वाला इंसान इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता और जो इंसान कटऑफ होता है वो इस दलदल में फंसता चला जाता है. घोस्टिंग टर्म 1990 में इस्तेमाल की जाती थी, लेकिन ऑनलाइन डेटिंग के समय में यह ज्यादा चर्चित हो गई.
क्या है घोस्टिंग के साइंस?
- आपके टेक्स्ट का जवाब देना एकदम से बंद हो जाना
- आपका कॉल पिक नहीं करना
- ना मैसेज करना, ना ही मैसेज का जवाब देना.
- ब्लॉक कर देना या फिर कॉल देखकर भी ना उठाना.
क्या है सॉफ्ट घोस्टिंग?
वहीं इन दिनों सॉफ्ट घोस्टिंग का भी ट्रेंड काफी चल रहा है. सॉफ्ट घोस्टिंग का मतलब यह होता है कि अचानक से सब कुछ खत्म नहीं होता. धीरे-धीरे कॉन्टैक्ट कम किया जाता है, फिर मिलना बंद होता है. फिर कॉल बंद होती है और आखिर में टेक्स्ट भी बंद होता है और फिर आपको पूरी तरह से कट ऑफ कर दिया जाता है.
क्या है ऑफिशियल घोस्टिंग?
ऑफिशियल घोस्टिंग भी होता है जिसमें कर्मचारी बिना बताए ऑफिस वापस नहीं आते हैं और ना ही ऑफिस के किसी ईमेल टेक्स्ट का जवाब देते हैं यहां तक कि अपने दोस्तों तो कभी नहीं बताते हैं कि वह नौकरी छोड़ कर चले गए हैं
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