कई वैज्ञानिक रिसर्च साबित करते हैं कि हेल्दी डाइट का दिमाग और शरीर पर सकारात्मक असर हो सकता, और मूड और व्यक्तित्व हमारे खाने से प्रभावित होते हैं. पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन पत्रिका में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, खराब और फास्ट फूड खाने का संबंध डिप्रेशन के ज्यादा जोखिम से है. दूसरी तरफ, दूसरी रिसर्च बताती है कि पौष्टिक और संतुलित डाइट का खाना आपके अवसादग्रस्तता के लक्षणों के खतरे को काफी कम करने में सक्षम है.
आपकी डाइट का आपकी भावनाओं को प्रभावित करने के पीछे वैज्ञानिक कारण है क्योंकि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट और हमारे दिमाग के बीच मजबूत संबंध है. जब हम ठीक खाते हैं, तो हेल्दी बैक्टीरिया का निर्माण होता है जो आगे हैप्पी हार्मोन्स जैसे डोपामाइन और सेरोटोनिन के निर्माण में मदद करता है. हैरानी की बात नहीं कि पौष्टिक डाइट मूड के बदलाव और 'निराश होने' की समस्याओं की देखभाल कर सकती है. दिमाग को पोषण देने, याद्दाश्य को सुधारने और दिमाग से जुड़ी परेशानियां जैसे डिमेंशिया, अल्जाइमर, पार्किंसन को नियंत्रित करने के लिए अच्छा पोषण महत्वपूर्ण है.
फूड के सही नहीं रहने पर न्यूरोट्रांसमीटर में असंतुलन होता है जिससे मूड में बदलाव, उदासी और बेतरतीब लालसा हो सकता है. जानकारों का कहना है कि हमारा शरीर न्यूरोट्रांसमीटर हमें अच्छा महसूस करानेवाले हार्मोन्स की सही संख्या को पैदा करने के लिए पोषण पर निर्भर करता है. एमिनो एसिड न्यूरोट्रांसमीटर जैसे डोपामाइन, एंडोर्फिन, सिरोटोनिन, ऑक्सीटोसिन के निर्माण खंड हैं, जो बहुत महत्वपूर्ण हैं और हम खुश, उदास, प्रेरित, अंतरंग, उत्तेजित क्यों महसूस करते हैं इसके पीछे का कारण.
डिप्रेशन के दौरान खाने के फूड्स
डिप्रेशन से पीड़ित लोग निरंतर उदासी की भावना, दैनिक कामों में कम दिलचस्पी, भूख की कमी और सोने में परेशानी को अनुभव करते हैं. पोषक तत्वों से भरपूर डाइट खाना उन्हें भावनात्मक रूप से लचीला होने में मदद कर सकता है और तनाव और चिंता के प्रभाव के प्रति कम संवेदनशील बनाता है.
अखरोट- अखरोट चिंता के संकेतों को आसान करने में अच्छा नंबर रखता है क्योंकि ये ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे शानदार स्रोत है जो दिमागी काम का समर्थन करने और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने के लिए जाना जाता है.
ओमेगा-3 से भरपूर फू़ड्स- अखरोट, फैटी फिश जैसे सालमन, चिया सीड्स दिमाग को उचित तंत्रिता कनेक्शन बनाने में मदद करते हैं. ऐसे फूड्स में कुछ न्यूरोप्रोटेक्टिव यौगिक जैसे फोलेट, विटामिन ई, मेलाटोनिन और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं.
बीन्स- ये फाइबर और प्रोटीन के लाजवाब स्रोत हैं, जो दोनों ब्लड शुगर लेवल को ठीक रखने में मदद करते हैं, इस तरह हमारे मूड पर सकारात्मक तरीके से प्रभाव पड़ता है.
डार्क चाकलेट- एंटीऑक्सीडेंट्स, मैग्ननीशियम और फ्लेवोनॉयड्स में भरपूर अच्छी क्वालिटी का दो डार्क चाकलेट डिप्रेशन के लक्षणों को हटाने में मददगार हो सकता है.
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