वर्कआउट के दौरान जूते हमारी बहुत मदद करते हैं. बहुत से लोग सिर्फ जूतों के डिजाइन,ब्रांड नाम और लुक देखकर खरीद लेते हैं. लेकिन वर्कआउट या एक्सरसाइज के लिए जूते खरीदते समय कुछ और भी बातों पर गौर करना बेहद जरूरी है.वर्कआउट करते समय हमारे पैर और शरीर को बहुत जोर झेलना पड़ता है. इसलिए जूतों की भूमिका बहुत अहम हो जाती है. गलत जूते ना सिर्फ हमारी वर्कआउट में बाधा डाल सकते हैं, बल्कि हमें चोट भी पहुंचा सकते हैं. इसीलिए जूते खरीदते वक़्त कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत है. आइए जानते हैं यहां ..


वजन के हिसाब से चुनें जूते
अगर आपका वजन ज्यादा है, तो आपको ऐसे जूते चुनने चाहिए जिनकी सोल मोटी और टिकाऊ हो. क्योंकि, जब वजन ज्यादा होता है तो जूतों पर अधिक दबाव पड़ता है. इसलिए मोटी सोल वाले और कस्टम मेड के जूते बेहतर रहेंगे. ऐसे जूतों की सोल मजबूत होती है जो अधिक भार को सहजता से संभाल सकती है. इससे जूते जल्दी टूटेंगे नहीं और आपको आरामदायक वर्कआउट करने में मदद मिलेगी. 


धनुषाकार पैरों के लिए विशेष जूते
अगर आपके पैरों का तलुआ समतल नहीं बल्कि धनुषाकार है तो आपको विशेष प्रकार के जूते पहनने चाहिए. ऐसे में सामान्य जूते पैरों को उचित सपोर्ट नहीं दे पाते. धनुषाकार पैरों के लिए ऑर्थोपेडिक यानि विशेष रूप से डिजाइन किए गए जूते बनाए जाते हैं. इनमें पैर के आकार के हिसाब से अर्च सपोर्ट दिया जाता है जो पैर के तलुए और पंजों को उचित ढंग से सहारा देता है. ऐसे विशेष जूते पहनकर धनुषाकार पैर वाले लोग आराम से वर्कआउट कर सकते हैं और उन्हें कमर या पैरों में दर्द की भी समस्या नहीं होती. 


वर्कआउट के लिए जगह के हिसाब से चुनें जूते
जूते खरीदते समय यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि आप कहां वर्कआउट करते हैं - अंदर घर में या बाहर, ट्रेडमिल पर या सड़क पर. क्योंकि हर जगह के लिए अलग प्रकार के जूते उपयुक्त रहते हैं. घर के अंदर वर्कआउट के लिए नरम और हल्के तले वाले जूते सही रहेंगे.जबकि बाहर और ट्रेडमिल पर कस्टम मेड, मजबूत और सपोर्टिव जूते ज्यादा उपयुक्त होंगे. इसका ध्यान रखकर जूते खरीदें तो वर्कआउट करने में और अधिक आराम मिलेगा.





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