Ketu Grah Upay: केतु को एक पाप ग्रह माना गया है. श्रीमद्भगावत पुराण के अष्टम स्कंध में देवता और असुरों के मध्य समुद्र मंथन का वर्णन मिलता है. समुद्र मंथन से 14 रत्न प्राप्त हुए है. इसमें से अमृत भी प्राप्त हुआ है. इस अमृत को लेकर देवताओं और दैत्यों में विवाद शुरू हो गया है.


भगवान विष्णु ने इस समस्या का हल निकालने के लिए मोहिनी रूप रखा और देवताओं को अमृत पान करा दिया है. लेकिन स्वरभानु नाम के राक्षस ने किसी प्रकार से अमृत पी लिया लेकिन चंद्रमा और सूर्य ने इसकी जानकारी विष्णु जी को दे दी, जिसके बाद उन्होने एक पल भी गवाएं इस राक्षस का सिर धड़ से अलग कर दिया है. अमृत पीने के कारण ये राक्षस अमर हो गया है. जिस कारण वो अलग होने के बाद भी जीवित रहा है. यही कारण है कि सिर वाला हिस्सा राहु और धड़ वाला केतु कहलाया. केतु को जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारक माना गया है.


केतु देता है शिक्षा में बाधा (Ketu Grah)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के पंचम भाव का संबंध शिक्षा से है. इस घर पर जब केतु की दृष्टि पड़ती है तो व्यक्ति को शिक्षा पूरी करने में दिक्कत आती है. शिक्षा संबंधी कोई न कोई बाधा या परेशानी बनी ही रहती है. लेकिन एक बाद विशेष पाई जाती है. ऐसे लोगों की पढ़ाई भलेही पूरी न हो पाए, लेकिन इन्हें हर चीज का ज्ञान अच्छा होता है. ये अपने अनुभव से प्रत्येक विषय के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी अवश्य रखते हैं.


केतु के उपाय (Ketu Ke Upay)



  1. गणेश जी की पूजा करने से केतु की अशुभता दूर होती है.

  2. बुधवार के दिन गणेश मंत्र और गणेश द्वादश नाम स्त्रोत का पाठ करें.

  3. शरीर में पानी की कमी न होने दें.

  4. रसोई घर में बैठकर भोजन करें.

  5. पीपल के पेड के नीचे कुत्ते को मीठी पुए खिलाएं.


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