Home Remedies For Wounds And Infection: घर में काम करते वक्त, किचन में खाना बनाते वक्त और बच्चों को खेलते वक्त चोट लग ही जाती है. खाना बनाते वक्त अक्सर हाथ कट-छिल जाते हैं. ऐसे में कई बार हम चोट देखकर घबरा जाते हैं और डॉक्टर के पास भागते हैं. हालांकि किचन में काम करने वाली महिलाएं अक्सर ऐसी चोट को नजरंदाज कर जाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे आपको इंफेक्शन भी हो सकता है.


हालांकि छोटे-मोटे घाव के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है. आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर चोट को जल्दी सही कर सकते हैं. इन घरेलू उपाय से आप इंफेक्शन से बच सकते हैं. खास बात ये है कि ये सारी चीजें आपकी किचन में ही उपलब्ध होती हैं. आइये जानते हैं.


1- हल्दी- हल्दी के गुणों के बारे में तो आपको पता ही होगा. हल्दी खाने में जितनी फायदेमंद होती है लगाने में भी उतनी असरदार है. चोट लगने या कटने-छिलने पर अगर खून नहीं रुक रहा है तो आप तुरंत हल्दी पाउडर लगा सकते हैं. हल्दी एंटीबायोटिक और एंटी-सेप्टिक की तरह काम करती है, जिससे घाव जल्दी भरने लगता है. चोट लगने पर आप हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं. 


2- नारियल का तेल- कटने-छिलने पर आप नारियल तेल लगा सकते हैं. नारियल के तेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं. जिससे चोट में काफी जल्दी आराम मिलता है. आप घाव होने पर भी नारियल का तेल लगा सकते हैं. इससे चोट वाली जगह पर एक परत बन जाती है और बैक्टीरिया अंदर नहीं जा पाते. 


3- शहद- शहद में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं. इसे आप कटने-छिलने पर भी लगा सकते हैं. शहद में एंटी-सेप्टिक तत्व भी पाए जाते हैं जिससे इंफेक्शन से बचने में मदद मिलती है. शहद से घाव भी तेजी से भरता है. मुंह में छाले होने या जलने पर भी शहद लगा सकते हैं. 


4- एलोवेरा- एलोवेरा का पौधा आपको सभी घरों में आसानी से मिल जाएगा. आप बाल और स्किन पर या फिर कटने-छिलने पर, चोट लगने पर भी एलोवेरा जेल लगा सकते हैं. आप चाहें तो एलोवेरा जेल को घाव पर भी लगा सकते हैं. एलोवेरा में साइटोकेमिकल्स भी होता है, जिससे चोट जल्दी ठीक हो जाती है और दर्द कम हो जाता है.


5- प्याज- रसोई में प्याज हमेशा मौजूद रहती है. प्याज के रस में एलिसिन होता है जो एंटी-माइक्रोबियल कंपाउंड है. हल्की चोट पर आप प्याज का रस लगा सकते हैं. इससे घाव भी जल्दी भरेगा. प्याज में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी होते हैं जिससे इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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