किडनी से सम्बंधित इन तीन समस्याओं को जानना आपके लिए है बेहद ज़रूरी, लक्षण व उपचार भी जानें
आज के दौर में लोगों को किडनी की बीमारी ने ऐसा घेरा है कि व्यक्ति को उसके शुरूआती लक्षण तो पता ही नहीं चलते, समझ ही नहीं आता कि उसके शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की दिक्कत किस कारण से है और जब तक कुछ पता चले तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
अपनी सेहत के प्रति इतने सजग होने के बावजूद भी लोग कभी-कभी कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नज़रंदाज़ कर देते हैं. किडनी संबंधित समस्याओं के साथ भी यही दिक्कत है. शुरुआत में लोग इनके लक्षणों को समझ नहीं पाते और जब तक पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. किडनी का काम शरीर में फिल्टर करना होता है. अच्छी सेहत के लिए किडनी का स्वस्थ होना बेहद ज़रूरी है. किडनी का जोड़ा राजमा के आकार का होता है. यह पेट के मध्य भाग में पसलियों के ठीक नीचे स्थित है. आज हम अपने इस लेख में आपको किडनी से संबंधित जानकारी देंगे जिसके दौरान हम आपको किडनी से जुड़ी कुछ समस्याओं और उनके लक्षण व बचाव के बारे में बताएँगे.
कैसे काम करती है किडनी बता दें कि लाखों सूक्ष्म तंतुओं से मिलकर एक किडनी बनती है. इन तंतुओं को नेफ्रॉन्स कहा जाता है. इनका काम ब्लड को फिल्टर करना होता है. नेफ्रॉन्स में गड़बड़ी के कारण ही किडनी की ज़्यादातर समस्याएं होती हैं. अगर किसी कारण से नेफ्रान्स क्षतिग्रस्त हो जाए तो सही ढंग से खून की सफाई नहीं होती. फिल्टर के दौरान ब्लड में मौजूद हानिकारक तत्वों को और शरीर में ज़्यादा पानी को छानकर यूरिन के रूप में बाहर निकाला जाता है. किडनी के साथ यूरेटर यानी 2 नलियां जुड़ी होती हैं. यूरेटर के ज़रिये खून साफ होता है और फिर उसका अवशेष ब्लैडर तक पहुंचता है.
किन कारणों से किडनी को पहुंच सकता है नुकसान आजकल गलत लाइफस्टाइल और खानपान के चलते किडनी की समस्या लोगों को ज़्यादा परेशान कर रही है. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, आनुवंशिकता और दर्द निवारक दवाइयों को अधिक मात्रा में खाने से भी किडनी को नुकसान पहुंच सकता है. हृदय रोग के बाद किडनी से संबंधित बीमारियां लोगों में ज़्यादा देखने को मिल रही हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि शुरुआत में इसके लक्षणों को ज़्यादातर लोग नज़रंदाज़ कर देते हैं और जब इस समस्या का पता चलता है तो 65 से 70% किडनी डैमेज हो चुकी होती है.
1. किडनी स्टोन की समस्या स्टोन की समस्या आमतौर पर तरल पदार्थों का सेवन ना करने और यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन होने से पैदा हो सकती है. इसके अलावा यूरिन में कुछ खास तरह के केमिकल्स जो क्रिस्टल बनने से रोकते हैं, उनका ना बनना भी इस समस्या की जड़ है.
- स्टोन के लक्षण * भूख न लगना और जी मिचलाना * पेट में दर्द उठना * कंपकंपी के साथ बुखार आना * यूरिन के साथ ब्लड का आना * रुक-रुक कर यूरिन डिस्चार्ज होना
- स्टोन के उपचार * किडनी से संबंधित समस्या से बचने के लिए कम से कम 8 से 10 गिलास पानी रोज पिए * समय-समय पर किडनी का चेकअप करवाते रहें * अगर आपको शुगर या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें * अपने भोजन में प्रोटीन के साथ-साथ सोडियम और कैल्शियम की मात्रा सीमित रखें. * चीनी और नमक का सेवन भी संतुलित मात्रा में करें. अगर आपका स्टोन ज्यादा बड़ा है या उसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक है तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं.
2. पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज आम भाषा में बात की जाए तो इसे किडनी फेल भी कहा जाता है. इसमें किडनी में गांठ बन जाती है और धीरे-धीरे किडनी काम करना बंद कर देती है. यह समस्या ज़्यादा मात्रा में अल्कोहल और सिगरेट के सेवन से हो सकती है. इसके लक्षण दिखने पर भी अगर इन दोनों का सेवन कम नहीं किया जाए तो किडनी बिल्कुल काम करना बंद कर देती है. बता दें कि जिन लोगों को डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उनकी किडनी फेल होने की आशंका बढ़ जाती है.
- किडनी डिजीज के लक्षण * सिर दर्द * यूनियन के साथ ब्लड आना * हाथ, पैर और आंखों पर सूजन * सांस फूलना और भूख न लगना * पाचन संबंधी गड़बड़ी * खून की कमी से त्वचा की रंगत का पीला पड़ना * कमजोरी थकान होना
- किडनी डिजीज के बचाव * इसके लिए डॉक्टर आरआरटी यानी रिनल रिप्लेसमेंट थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं. * किडनी के एक बार खराब हो जाने पर डॉक्टर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं. लेकिन अगर ट्रांसप्लांट नहीं हो सकता तो इसका एक और तरीका है डायलिसिस. * अगर मरीज स्टेज 4 पर पहुंच गया है लेकिन खानपान और दिनचर्या का खास ख्याल रख रहा है और अपने समय पर डायलिसिस करवा रहा है तो सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है.
3. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन ध्यान दें कि हमारे शरीर का यूरिनरी सिस्टम 4 चीजों से मिलकर बना है. किडनी, यूरेटर, ब्लैडर और यूरेथ्रा. जब कभी इन चारों में से किसी एक में भी संक्रमण हो जाए तो इसे यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन कहते हैं.
- इन्फेक्शन के लक्षण * बार बार टॉयलेट का आना * सुस्ती और शरीर में कंपन बुखार * पेट के निचले हिस्से में दर्द * यूरिन की रंगत में बदलाव * यूरिन डिस्चार्ज करते समय दर्द
- इन्फेक्शन के बचाव * ऐसी समस्या में व्यक्ति को अपनी सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए * अगर सार्वजनिक टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो फ्लश ज़रूर दवाएं * अगर आप को इन्फेक्शन है तो आप सेक्स से दूर रहें
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