हर साल 3 जुलाई के दिन अवज्ञा दिवस (Disobedience Day) मनाया जाता है. आज के समय में कौन हर समय अच्छा रहना चाहता है. हमेशा बहुत आज्ञाकारी होना कभी-कभी बोर होने का कारण बन सकता है और साथ ही हमारी रचनात्मकता और स्वतंत्रता को भी कम कर सकता है. अवज्ञा दिवस थोड़ा मुक्त होने, थोड़ा जीने और बदलाव के लिए अपना काम करने के बारे में है.


अवज्ञा दिवस का इतिहास


अवज्ञा दिवस मनाने का सही कारण स्पष्ट नहीं है. अवज्ञा दिवस के निर्माता या उत्पत्ति का पता नहीं लगाया जा सका है. फिलहाल इसे रोमांच और दिल बहलाने वाले दिन के तौर पर भी देखा जा सकता है. अवज्ञा दिवस का मतलब मानव कानून को मानने के बजाय अपने विवेक की बात करने का दिन है.


अवज्ञा दिवस का उद्देश्य


अवज्ञा दिवस को मनाए जाने के पीछे की असल वजह लोगों को एक ब्रेक देने से है. हर जगह नियमों से जीने और हर बार देखे जाने के परिणामस्वरूप निराशा और नियंत्रित होने की भावना हमारे अंदर पैदा हो सकती है. ऐसे में खुद को समय देने के लिए अवज्ञा दिवस मनाया जाता है. अवज्ञा दिवस मनाने के लिए अपने दम पर काम करें और उस स्वतंत्रता को महसूस करें जो आप हमेशा से चाहते थे.


हालांकि अवज्ञा दिवस का उद्देश्य लोगों को अपने माता-पिता और शिक्षकों की आज्ञा को नहीं मनाने से संबंधित नहीं है और ना ही इस दिन का उद्देश्य सरकार या समाज के प्रति पूरी तरह से अवज्ञाकारी होने के लिए प्रोत्साहित करना है, लेकिन थोड़े समय के लिए आदेश को नहीं मानने से स्वयं को ताजा करने में मदद कर सकती है.


अवज्ञा दिवस कैसे मनाएं


अवज्ञा दिवस को कुछ नियमों को नहीं मानने के बहाने के रूप में लिया जा सकता है. इससे किसी को चोट नहीं पहुंचनी चाहिए. इसका मतलब यह है कि आप अपने आस-पास के नियमों को तोड़ सकते हैं. जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं होता हो. आज का दिन आपको रोजमर्रा के नियमों और शर्तों से मुक्त महसूस करने का मौका देता है. आज के दिन किया गया थोड़ा सा रोमांच आपके जीवन को और दिलचस्प बना सकता है.


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