Green Crackers: दिवाली का त्योहार (Diwali 2021) आने ही वाला है. ऐसे में हर घर में बड़े जोर शोर से दिवाली की तैयारियां चल रही है. दिवाली के त्योहार में बहुत से लोग पटाखे जलाते हैं. लेकिन, प्रदूषण के स्तर (Air Pollution) को देखते हुए कई राज्यों में पटाखों की बिक्री (Many States Banned Crackers) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लेकिन, कुछ राज्यों ने ग्रीन पटाखे बेचने की परमिशन दी गई है. आपको बता दें कि ग्रीन पटाखे कम प्रदूषण फैलाते हैं और नेचर फ्रेंडली माने जाते हैं.


जानें क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
आपको बता दें कि ग्रीन पटाखे आकार में छोटे होते हैं और यह कम प्रदूषण करते हैं. इन पटाखों में कम कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है. इन पटाखों में पार्टिक्युलेट मैटर (PM) कम रखा जाता है, जिससे यह कम धमाके के बाद कम प्रदूषण करता है. इसके साथ ही ग्रीन पटाखों को फोड़ने पर 10 प्रतिशत ही गैसें निकलती है. यह गैस पटाखों के आधार पर निकलती है. आप ग्रीन पटाखों की शुद्धता को चेक करना चाहते है तो NEERI नाम के ऐप के स्कैन के जरिए पहचान कर सकते हैं.


Particulate Matter होता है नुकसानदायक
आपको बता दें कि पटाखों को फोड़ने पर भारी मात्रा में Particulate Matter निकलते हैं. यह फेफड़ों में अंदर चली जाती है जिससे अस्थमा और हार्ट पेशेंट को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसमें मौजूद केमिकल शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं.


कई राज्यों ने पटाखों की ब्रिकी पर लगाया बैन
आपको बता दें कि ओडिशा और दिल्ली सरकार ने कोरोना को देखते हुए और प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए पटाखों पर बैन लगा दिया है. वहीं राजस्थान में ग्रीन पटाखों की बिक्री अनुमति दी है. इसके साथ निर्धारित समय पर ही पटाखे फोटने का आदेश दिया है. 


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