Frequent Urination: बार-बार पेशाब आना एक आम समस्या है जिसे कई लोग नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन कभी-कभी यह कुछ गंभीर समस्याओं का संकेत भी हो सकता है. अगर आपको बिना किसी वजह के लगातार पेशाब आ रहा है तो इसके पीछे मधुमेह या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) जैसी समस्याएं हो सकती हैं.अकसर लोगों को यह नहीं पता होता कि दिन में कितनी बार पेशाब करना सामान्य माना जाता है. चलिए जानते हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए और बार-बार पेशाब आने कब चिंता का विषय बन जाता है.


बार-बार पेशाब आने के पीछे कई सामान्य कारण हो सकते हैं जैसे कि अधिक पानी पीना, कैफीन का सेवन, प्रेग्नेंसी आदि. लेकिन उम्र और जेंडर के हिसाब से पेशाब की सामान्य आवृत्ति अलग-अलग होती है. सामान्यतः 8-10 बार पेशाब करना ठीक माना जाता है. लेकिन इसके अलावा भी कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है. 


जानें डायबिटीज में क्यों आता अधिक पेशाब
मधुमेह में ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक हो जाता है. शरीर में इंसुलिन की कमी या इसके प्रति प्रतिरोध की वजह से ग्लूकोज का उपयोग नहीं हो पाता और ब्लड में इसकी मात्रा बढ़ जाती है.अत्यधिक ब्लड शुगर की वजह से व्यक्ति को बहुत अधिक प्यास लगने लगती है. शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से किडनी अधिक पेशाब बनाने के लिए मजबूर हो जाती है ताकि शरीर से अतिरिक्त ग्लूकोज को बाहर निकाला जा सके. इसीलिए मधुमेह में व्यक्ति को बार-बार पेशाब की आवश्यकता होने लगती है.


यूटीआई में बार-बार पेशाब क्यों लगता है जानें 
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) में मूत्रमार्ग में संक्रमण हो जाता है. यह संक्रमण आमतौर पर बैक्टीरिया की वजह से होता है जो मूत्रमार्ग के निचले हिस्से जैसे यूरेथ्रा, ब्लैडर और यूरीथरा को प्रभावित करता है. जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में पहुंचता है तो वहां पर संक्रमण फैलाना शुरू कर देता है. यह संक्रमण मूत्राशय की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है और पेशाब में जलन और दर्द का कारण बनता है. इस संक्रमण के कारण मूत्राशय को तेजी से खाली करने की प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है, इसलिए व्यक्ति को बार-बार पेशाब आने लगता है. यूटीआई में पेशाब आने की आवृत्ति बढ़ना बहुत ही आम लक्षण है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.