अमिताभ बच्चन अपनी मां की आवाज सुनकर जानें क्यों हो गए थे भावुक, 'मां ने दिए हैं कई बलिदान'
Amitabh Bachchan Talks About His Mother : इस आवाज को सुनते ही अमिताभ भावुक हो गए थे और उनकी आंखें भीग गई थीं.
Amitabh Mother's Voice Made Him Cry : “माँ” एक ऐसा शब्द है जिसे दुनिया का हर बच्चा अपने मुंह से इस दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है और मरते वक्त तक यह शब्द उसके के जेहन में होता है. अपने आस -पास ऐसे कई लोगों को आपने देखा होगा, भले ही उनकी उम्र कितनी भी हो लेकिन वह अपनी मां को लेकर काफी इमोशनल होते हैं. ऐसा ही एक वाकया केबीसी शो करने के दौरान हुआ. यह तब की बात है जब ऐक्टर का बर्थडे था तो उन्हें सरप्राइज देने के लिए शो के मेकर्स ने शूटिंग के दौरान ही अमिताभ को उनकी मां तेजी बच्चन का एक पुराना इंटरव्यू सुनाया. इसमें वह अपने बेटे अमिताभ की तारीफ करती और पति हरिवंश राय बच्चन की कविता गाती सुनाई दी थीं. इस आवाज को सुनते ही अमिताभ भावुक हो गए थे और उनकी आंखें भीग गई थीं.
मां से भावनात्मक लगाव
महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा इमोशनल कहा जाता है. महिलाएं मन से बहुत संवेदशनशील होती हैं और उनके मन में हर किसी के लिए करुणा भरी होती है. शायद इसी वजह से स्त्री को सबसे करुणामयी कहा गया है. साल 2019 में ब्रिटेन की एक प्रसिद्ध वेबसाइट द्वारा 2000 लोगों पर सर्वे किया गया था. इनमें से उन पार्टिसिपेंट्स का पर्सेंट ज्यादा रहा, जो अपनी मां के ज्यादा करीब थे. स्टडी में सामने आया कि जिस तरह बचपन में बच्चे को अपनी मां से इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है, उसी तरह बड़े होने पर जब वे रिलेशनशिप में आते हैं या किसी अन्य भावनात्मक मुद्दे से जूझते हैं, तो इसके लिए वे मां से ही सलाह लेना पसंद करते हैं.
मां से मिलता है पॉजिटिव वाइब्स और सपोर्ट
मां सबसे ज्यादा अपने बच्चों को लेकर इमोशनल होती हैं. इस कारण बच्चे भी उनसे ज्यादा गहरा बॉन्ड शेयर करते हैं और उनके ना होने पर उनकी कमी उन्हें सबसे ज्यादा खलती है. मां से बच्चों को हमेशा ही पॉजिटिव वाइब्स और सपोर्ट मिलता है. आपने भी देखा होगा कि पिता जब बुरी तरह डांटते हैं, तो मां बीच में आकर स्थिति को संभालती है और बच्चे को प्यार से बेहतर करने के लिए मोटिवेट करती हैं. साइंस के मुताबिक, पॉजिटिव मोटिवेशन मिलने पर व्यक्ति उन लोगों के मुकाबले ज्यादा बेहतर परफॉर्म करता है, जिनसे डांट या डराकर काम करवाया जाता है. ऐसा ही कुछ अमिताभ की जिंदगी में भी था. वे भी अपनी सक्सेस का क्रेडिट अपनी मां और उनकी परवरिश को देते हैं. इस पॉजिटिविटी के कारण ही हमेशा मां-बेटे के बीच का रिश्ता प्यार से बरकरार रहता है.
मां त्याग की मूर्ति होती है
मां को त्याग की मूर्ति कहा जाता है. बच्चपन से बच्चा भी अपनी मां को अपने और परिवार के खातिर त्याग करते देखता है, जिस वजह से ज्यादातर बच्चे उन्हें लेकर ज्यादा इमोशनल भी होते हैं. अमिताभ बच्चन ने भी एक इंटरव्यू में अपनी मां और बाबूजी को याद करते हुए कहा था, 'मेरी मां ने मेरे पिता के लिए काफी बलिदान दिए हैं', जो इसका सबूत था कि उनकी मां ने उनके और परिवार के लिए जो किया, उसे मैं कभी नहीं भुला सकूंगा.
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