भारत में 30 नवंबर को देव दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. लोग इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस दिन खास तौर पर हवन-पूजन की जाती है. साथ ही किसी कार्य को शुरू करने के लिए भी इस दिन को शुभ माना जाता है. इस दिन दीपदान करने के भी परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हमें सत्यनारायण कथा का पाठ करना चाहिए. देव दीपावली के दिन लोग दीयों को जलाकर इस दिन को ख़ास बनाते हैं.
देव दीपावली के दिन लोग दीपदान करते हैं. ऐसा माना जाता है कि कई सालों से ये प्रथा चलती आई है. इस दिन सुबह के समय नदियों में जाकर स्नान करना चाहिए. साथ ही मां-लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा करनी चाहिए. देव दीपावली का दिन देवताओं का होता है. ऐसे में उनकी आराधना करने से सुख और समृद्धि मिलती है.
पूजा-अर्चना के लिए शुभ होता है ये दिन
माना जाता है कि इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा करने से मन को शांति मिलती है. साथ ही, मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है. भगवान को खीर और मिठाई का भोग भी लगाया जाता है. शाम के समय जगह-जगह दीप जलाए जाते हैं. इस दिन भगवान सूर्य का स्मरण करते हुए उन्हें जल चढ़ाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस दिन 'ॐ नमः शिवाय मंत्र' का जाप करने से सुख-शांति बनी रहती है.
क्यों मनाई जाती है देव-दीपावली?
ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के तीन असुर भाइयों का वध कर दिया था. त्रिपुरासुर के वध की खुशी में देवताओं ने काशी में इसे उत्सव के रूप में मनाया. इसलिए हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर देशभर में दिवाली मनाई जाती है.
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