Relationship Advice: जिसे आप प्यार समझ रहे हैं कहीं वो पागलपन तो नहीं, जाने कैसे करें पज़ेसिव पार्टनर की पहचान
Relationship Advice: कई रिलेशनशिप ऐसे होते हैं जिनमें पार्टनर लविंग से ज़्यादा कंट्रोलिंग होते हैं और लोग समझ नहीं पाते कि इसे अपने पार्टनर का प्यार मानें या फिर उसका कंट्रोलिंग नेचर.
Relationship Advice: अगर किसी की ज़िंदगी में प्यार है तो मानों उसकी ज़िंदगी गुलज़ार है, लेकिन प्यार सिर्फ तभी अच्छा लगता है जब वो बंधन न लगे. आज के मॉर्डन टाइम में कई रिलेशनशिप ऐसे देखने को मिलते हैं जिनमें पार्टनर लिविंग से ज़्यादा कंट्रोलिंग होते हैं और ऐसे ही पार्टनर की वजह से मानो दूसरे पार्टनर की ज़िंदगी पूरी तरह से खराब सी हो जाती है क्योंकि वो समझ नहीं पाते कि इसे अपने पार्टनर का प्यार मानें या फिर उसका कंट्रोलिंग नेचर तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि कैसे इस बात का पता लगाएं कि आपका पार्टनर कहीं पज़ेसिव तो नहीं ?
हर वक्त मैसेज या कॉल-
अगर आप कहीं बाहर दोस्तों के साथ हैं तो आप बस उस मोमेंट को इन्जॉय करना चाहते हैं लेकिन आपके इस इंजॉयमेंट में तब खलल पड़ जाता है जब आपका साथी आपको हर समय लगातार कॉल या मैसेज करता रहे वो भी बिना किसी ज़रूरी काम के. वो सिर्फ ये जानने की कोशिश करे कि आप कहां हैं, किसके साथ हैं, क्या कर रहे हैं या बात क्यों नहीं कर सकते तो ये आपके पार्टनर के पज़ेसिव होने का संकेत है और आपको सावधान हो जाने की ज़रूरत है.
हर बार आपका फोन चेक करना-
किसी भी रिलेशनशिप में ट्रांस्पेरेन्सी बहुत ज़रूरी है लेकिन जब यही ट्रांस्पेरेन्सी आपकी प्राइवेसी में खलल डालने लगे तो आपको चौकन्ना हो जाने की ज़रूरत है. अगर आपका पार्टनर हर समय आपका फोन चेक करता रहता है या आपके सोशल मीडिया का पासवर्ड आपसे मांगता है तो आपको ये समझ जाने की ज़रूरत है कि वो अब प्यार नहीं बल्कि शक है और आपका साथी हद से ज़्यादा पज़ेसिव होता जा रहा है.
दोस्तों से बात करने से रोकना-
हमारे दोस्त हमारी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा होते हैं ऐसे में अगर कोई आपसे आपके दोस्तों से दूरी बनाने को कहता है सिर्फ इसलिए क्योंकि वो इनसिक्योर फील करता है तो ये कहीं से भी ठीक नहीं है.ये आपके पार्टनर के ओवर पज़ेसिव होने की निशानी है जिससे आपको सावधान हो जाना चाहिए.
कंट्रोलिंग बिहेवियर-
अगर आपका साथी आपको हर बात पर कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है तो आप ये समझ जाइए कि ये आपके रिश्ते के लिए बहुत बुरा होने वाला है. आपको ये समझना होगा कि आपकी ज़िंदगी में आपको कैसे उठना-बैठना है, किससे मिलना है, कैसे अपनी लाइफ को इंजॉय करना है ये तय करने का हक सिर्फ आपको है और किसी को नहीं.
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