शोधकर्ताओं ने बचपन में खुद पर कंट्रोल और बाद की जिंदगी में कामयाबी के बीच संबंध का पता लगाया है. उनका कहना है कि अगर आप अपने बच्चों को जिंदगी में कामयाब बनाना चाहते हैं, तो उनके अंदर खुद पर किसी हद तक कंट्रोल की क्षमता विकसित करें. इस हवाले से प्रोसिडिंग्स ऑफ दि नेशनल एकेडमी ऑफ साइन्सेस पत्रिका में रिसर्च प्रकाशित हुआ है.
बच्चों में सेल्फ-कंट्रोल और कामयाबी के बीच संबंध का खुलासा
शोधकर्ताओं ने कई दशक रिसर्च कर पता लगाया कि खुद पर कंट्रोल हासिल करनेवाले बच्चे बाद की जिंदगी में किस हद तक कामयाब रहते हैं. अनोखे रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने न्यूजीलैंड में 1972 से 1973 के बीच पैदा होनेवाले एक हजार 37 बच्चों को शामिल किया. ये बच्चे 3 साल से 11 साल की उम्र के दौरान रिसर्च का हिस्सा थे. ऐसा करने के लिए उनकी आत्म-संयम की क्षमता का मूल्यांकन उनके माता-पिता, उनके शिक्षकों और खुद बच्चों से बात कर किया गया. हर बच्चे को ग्रेड इस बुनियाद पर दिया गया कि किसी काम के दौरान कितनी आसानी से परेशान हो जाते हैं और क्या उन्होंने काम को अपनी परेशानी के बावजूद जारी रखा. शोधकर्ताओं ने कई दशकों बाद बच्चों की 45 साल उम्र हो जाने पर उनसे दोबारा संपर्क किया.
बच्चों की जिंदगी की गुणवत्ता बेहतर करने पर ध्यान देना जरूरी
हर बच्चे को इंटरव्यू और कई तरीकों से ये जानने के लिए जांचा गया कि उनकी जिंदगी कैसी बीत रही है. उन्होंने पाया कि बचपन में जिन लोगों ने खुद को ज्यादा कंट्रोल किया, उनकी जिंदगी खुद पर कंट्रोल न रखनेवालों के मुकाबले औसतन ज्यादा बेहतर थी. इसके अलावा उनके दिमागी उम्र की बढ़ोतरी के संकेत भी कम थे और सेहत भी ज्यादा बेहतर थी. शोधकर्ताओं ने ये भी पता लगाया कि ऐसे बच्चे आर्थिक और सामाजिक रूप से भी ज्यादा कामयाब साबित हुए. हालांकि, आईक्यू लेवल और सामाजिक स्थिति ने बचपन के दौरान कोई फर्क पैदा नहीं किया. शोधकर्ताओं की सलाह है कि माता-पिता को चाहिए कि खुद पर कंट्रोल की क्षमता को बेहतर बनाने में बच्चों की मदद करें. जिससे आगे चलकर उनकी जिंदगी की बेहतर गुणवत्ता हो सके.
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