लोहड़ी 2018: इसीलिए देशभर में धूमधाम से मनाई जाती है लोहड़ी, आज हैं लोहड़ी के दो शुभ-मुहुर्त
लोहड़ी का शुभ मुहुर्त शाम 05:57 से 07:37 और 09:16 से 10:56 तक आप आग जलाकर पूजा कर सकते हैं.
नई दिल्लीः नए साल की शुरूआत में पहला त्यौहार लोहड़ी मनाया जाता है. हर साल 13 जनवरी को देशभर के कई हिस्सों में लोहड़ी को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. आमतौर लोहड़ी फसलों की बुनाई और कटाई की खुशी में मनता है. तो चलिए जानते हैं लोहड़ी 2018 के शुभ मुहुर्त और महत्व के बारे में. साथ ही जानिए आखिर क्यों मनाते है लोहड़ी?
लोहड़ी की तिथि और शुभ मुहुर्त- कल यानि 13 जनवरी 2018 को देशभर में लोहड़ी धूमधाम मनाई जाएगी. लोहड़ी का शुभ मुहुर्त शाम 05:57 से 07:37 और 09:16 से 10:56 तक आप आग जलाकर पूजा कर सकते हैं.
इन राज्यों में है लोहड़ी खास- यूं तो आज के समय में देशभर और विदेशों में भी लोहड़ी को धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे- दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब में ये खासतौर पर मनाया जाता है. रात भर लोग बोन फायर करके लोहड़ी सेलिब्रेशन करते हैं.
कैसे मनाई जाती है लोहड़ी- लोहड़ी का त्यौहार आग जलाकर या यूं कहें कि बोन फायर करके पूजा की जाती है. ये त्यौहार सुबह से शुरू होकर शाम तक चलता है. लोग पूजा के दौरान आग में मूंगफली रेवड़ी, पॉपकॉर्न और गुड़ डालते हैं. आग में ये चीजें डालते समय ‘आधार आए दिलाथेर जाए’ बोला जाता है. इसका मतलब होता है कि घर में सम्मान आए और गरीबी जाए. किसान सूर्य देवता को नमन कर धन्यवाद देते हैं. ये भी माना जाता है कि किसान खेतों में आग जलाकर अग्नि देव से खेतों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रार्थना करते हैं.
इसके बाद मूंगफली रेवड़ी, पॉपकॉर्न और गुड़ प्रसाद के रूप में बांटा जाता हैं. लोहड़ी के दिन पकवान के तौर पर मीठे गुड के तिल के चावल, सरसों का साग, मक्के की रोटी बनाई जाती है. लोग इस दिन गुड़-गज्जक खाना शुभ मानते हैं. पूजा के बाद लोग भांगड़ा और गिद्दा करते हैं.
लोहड़ी का महत्व- लोहड़ी का भारत में बहुत महत्व है. लोहड़ी एक ऐसे पर्व के रूप में मनाई जाती है जो सर्दियों के जाने और बसंत के आने का संकेत है. लोहड़ी यूं तो आग लगाकर सेलिब्रेट की जाती है लेकिन लकड़ियों के अलावा उपलों से भी आग लगाना शुभ माना जाता है. लोहड़ी के पावन मौके पर लोग रबी की फसल यानि गेहूँ, जौ, चना, मसूर और सरसों की फसलों को आग को समर्पित करते हैं. इस तरीके से देवताओं को चढ़ावा और धन्यवाद दिया जाता है. ये वही समय होता है जब रबी की फसलें कटघर घर आने लगती हैं. आमतौर लोहड़ी का त्यौहार सूर्य देव और अग्नि को आभार प्रकट करने, फसल की उन्नति की कामना करने के लिए मनाया जाता है. लोहड़ी का महत्व एक और वजह से हैं क्योंकि इस दिन सूर्य मकर राशि से गुजर कर उत्तर की ओर रूख करता है. ज्योतिष के मुताबिक, लोहड़ी के बाद से सूर्य उत्तारायण बनाता है जिसे जीवन और सेहत से जोड़कर देखा जाता है.
आखिर क्यों मनाते हैं लोहड़ी- आपने लोहड़ी तो खूब मनाई होगी लेकिन क्या असल में आप जानते हैं क्यों मनाई जाती है लोहड़ी. जानिए आखिर लोहड़ी क्यों मनाई जाती है. बहुत से लोग लोहड़ी को साल का सबसे छोटा दिन और रात सबसे लंबी के तौर पर मनाते हैं. पारंपरिक मान्यता के अनुसार, लोहड़ी फसल की कटाई और बुआई के तौर पर मनाई जाती है. लोहड़ी को लेकर एक मान्यता ये भी है कि इस दिन लोहड़ी का जन्म होलिका की बहन के रूप में हुआ था. बेशक होलिका का दहन हो गया था. किसान लोहड़ी के दिन को नए साल की आर्थिक शुरूआत के रूप में भी मनाते हैं.