कोरोना वायरस महामारी का दुनिया भर में कारोबार और उद्योग पर जबरदस्त असर पड़ा है. सबसे बुरी तरह प्रभावित होनेवालों में रेस्टोरेंट सेक्टर रहा है, जो अभी भी पिछले साल की मार से उबर नहीं पाया है. हालांकि, ऐसे खराब समय में इस सेक्टर ने नुकसान उठाने के बावजूद महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद करने में शानदार भूमिका निभाई है. दिल को छू लेनेवाली एक ऐसी ही खबर ने इंटनरेट पर जगह बनाई है. ये खबर है लंदन में भारतीय मूल के रेस्टोरेंट चलानेवाले के बारे में, जिन्होंने हाल ही में लॉकडाउन के दौरान अपना कारोबार बंद करने से इंकार कर दिया.
रेस्टोरेंट चलानेवाले भारतीय मूल के शख्स की कहानी चर्चा में
पंजाबी रेस्टोरेंट चलानेवाले अमृत मान लोकप्रिय कोवेंट गार्डेन रेस्टोरेंट की चौथी पीढ़ी के कारोबारी हैं. उन्होंने भोजन उपलब्ध कराने और लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने का फैसला किया. रेस्टोरेंट की विशेषता उत्तर भारतीय व्यंजनों को लेकर है और गुरबचन सिंह मान ने उसकी स्थापना की थी.
सामान्य तौर पर रेस्टोरेंट को चालू रखने के बजाए वर्तमान पीढ़ी के मालिक अमृत मान ने जरूरतमंदों तक खाना उपलब्ध कराने और फूड बैंक को पहुंचाने का फैसला किया. उन्होंने कहा, "मैंने सोच समझकर रेस्टोरेंट को बंद नहीं करने का फैसला किया. हमारे लिए कोवेन्ट गार्डन एक गांव है, एक समुदाय है. मैंने किचन बंद करने से इंकार कर दिया. इसका कोई मतलब नहीं होता है. ये आपको उम्मीद देता है."
लॉकडाउन में मदद करने के लिए नहीं बंद किया रेस्टोरेंट
इस तरह, अमृत मान अपने पारिवारिक घर से बाहर आए ये सुनिश्चित करने के लिए कि उनका परिवार महामारी के दौरान सुरक्षित रह सके और ताकि वो समाज के प्रति अपनी सेवा अदा कर सकें. 40 में से 7 सदस्य मान के मिशन में मदद करने के लिए उनके साथ रेस्टोरेंट में ठहरे. उन्होंने वर्तमान में 100,000 भोजन बेसहारा लोगों और करीब 50,000 फूड बैंक तक उपलब्ध कराया है.
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