अगर आपका बच्चा पैक लंच को बिना खाए हुए ही वापस घर ले आता है तो ये कोरोना वायरस का संकेत हो सकता है. वैज्ञानिकों ने चेताया है कि एक तिहाई से ज्यादा स्कूल जानेवाले बच्चों को भूख में कमी से जूझना पड़ा है जिसकी वजह से उन्होंने खाने से दूरी बना ली.
भूख की कमी भी हो सकती है कोरोना वायरस का संकेत
अभिभाविकों और टीचर्स को उन्होंने बीमारी के कम परिचित लक्षणों पर ध्यान देने के लिए सावधान किया है. उनका कहना है कि स्कूल से वापस आने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. किंग्स कॉलेज लंदन की टीम कोविड-19 लक्षण का पता बतानेवाले मोबाइल एप का इस्तेमाल करते हुए सैंकड़ों संक्रमित बच्चों की निगरानी कर रही है.
उन्होंने पाया है कि कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाए गए ज्यादातर बच्चों में वायरस का संकेत जैसे बुखार, स्वाद का क्षरण या लगातार खांसी नहीं दिखाई दी. उन्होंने जोर दिया कि वायरस से ग्रसित ज्यादातर युवाओं में खाने से दूरी बनाने का रुजहान पाया गया. उन्होंने सिर दर्द और थकान की शिकायत महसूस की.
किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं का सनसनीखेज दावा
एप से ये भी पता चला कि 18 साल से कम उम्र के छह बच्चों में से एक को त्वचा के चकते हो गए. ये चकते खुजली पैदा कर रहे थे. कोविड-19 के लक्षणों के उजागर होने से डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को वायरस के बारे में ज्यादा जानने का मौका मिल रहा है. किंग्स कॉलेज के शोधकर्ताओं ने कम से कम 20 लक्षणों की पहचान की है. ये लक्षण मामूली गले की खराश से लेकर सूखी खांसी, चकते का उगना यहां तक मनोविकृति भी शामिल हैं.
'कोविड-19 सिम्पटम ट्रैकर' एप के जरिए पता लगानेवाली टीम लोगों को मिलनेवाले लक्षण और टेस्ट के नतीजों का मुआयना करने में जुटी है. शोधकर्ताओं के नतीजे 198 पॉजिटिव टेस्ट और 15 हजार 800 निगेटिव टेस्ट पर आधारित है. ये अब तक का ब्रिटेन में सबसे बड़ा शोध पूल है.
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