History Of Chanderi Sarees: मध्यप्रदेश का चंदेरी सिल्क और यहां की साड़ियां भारत के साथ-साथ विदेश में भी फेमस हैं. चंदेरी फेब्रिक और डिजाइन अपने आप में अनूठे हैं. बॉलीवुड से लेकर आम महिलाएं चंदेरी की साड़ियां अपने कलेक्शन में जरूर रखना चाहती हैं. चंदेरी के सूट, चंदेरी के कपड़े और सबसे ज्यादा फेमस हैं चंदेरी की साड़ियां. ये साड़ियां जितनी देखने में खूबसूरत लगती हैं उतनी ही पहनकर सुंदर लगती हैं. आज हम आपको चंदेरी साड़ियों की खासियत के बारे में बता रहे हैं इनका रोचक इतिहास भगवान कृष्ण के वक्त का है. आइये जानते हैं क्यों इन साड़ियों का नाम चंदेरी साड़ी पड़ा?


चंदेरी का इतिहास 
मध्यप्रदेश के अशोक नगर जिले में चंदेरी एक शहर है. ये बुंदेलखंड और मालवा की सीमा से लगा ये शहर बुनकरों की नगरी है. यहां के काशीदार और साड़ियां इस शहर की पहचान हैं. चंदेरी का इतिहास बहुत गौरवशाली है. इस शहर का जिक्र महाभारत में भी किया गया है. कहा जाता है कि वैदिक युग में भगवान श्रीकृष्ण की बुआ के बेटे शिशुपाल ने इसकी खोज की थी. 11वीं शताब्दी में प्रमुख व्यापारिक मार्ग यहीं से होकर गुजरता था. यहां विख्यात संगीतकार बैजू बावरा की कब्र और कई एतिहासिक इमारतें हैं. 


चंदेरी का फैब्रिक और टेक्सचर
आजकल चंदेरी फैब्रिक में कई बदलाव आ गए हैं. पहले इसे बनाने के लिए मिलमेड यार्न के इस्तेमाल किया जाता था. उसके बाद अंग्रेज़ मैनचेस्टर से कॉटन यार्न लाया जाता था. जिससे चंदेरी फैब्रिक का टेक्सचर काफी बदल गया. सन 930 के आसपास कपड़े के ताने में जापान का सिल्क और बाने में कॉटन को रखकर साड़ियां बनाई जाने लगीं. इससे चंदेरी साड़ियों की मजबूती कम हुई. यही वजह है कि इन साड़ियो को लंबे समय तक फोल्ड करके रखने पर साड़ियां कट जाती थीं.  


क्यों खास है चंदेरी फैब्रिक 
चंदेरी कपड़ा चाहे सूट या साड़ी किसी भी तरह इस्तेमाल किया जाए बेहद खूबसूरत लगता है. चंदेरी में आपको 3 तरह के फैब्रिक्स मिल जाएंगे, जिसमें प्योर सिल्क, चंदेरी कॉटन और सिल्क कॉटन शामिल है. आपको इन तीनों कपड़ों में एक से एक सुंदर साड़ियां मिल जाएंगी. सन 1890 बुनकर हाथ से बने यार्न की बजाय मिलमेड यार्न का इस्तेमाल करने लगे. सन 1970 में इसमें कॉटन और सिल्क को मिक्स किया गया. इससे कपड़ा काफी मजबूत होने लगा. 


चंदेरी के डिजाइन
चंदेरी में कई तरह के पैटर्न्स मिल जाएंगे. इसमें नलफर्मा, डंडीदार, चटाई, जंगला और मेहंदी डिजाइन वाली साड़ियां और कपड़े सबसे ज्यादा फेमस हैं. आपको साड़ी और सूट में ये डिजाइन आसानी से मिल जाएंगे.


ये भी पढ़ें: Banarasi Saari: क्या है बनारसी साड़ी का इतिहास, जानिए कैसे पड़ा बनारसी साड़ी का नाम


ये भी पढ़ें: Madhya Pradesh Tour: खुजराहो से लेकर पचमढ़ी तक, ये हैं मध्यप्रदेश के 10 सबसे खूबसूरत पर्यटक स्थल